आरक्षण के जरिये चुने पुजारी, 36 गैर-ब्राह्मण और 6 दलित
तिरुवनंतपुरम | केरलके मंदिरों के लिए पहली बार आरक्षण के आधार पर पुजारी चुने गए हैं। कुल 62 पुजारियों में से 36 गैर ब्राह्मण हैं, जिनमें छह दलित भी शामिल हैं।
पार्ट टाइम पुजारी के इन पदों के लिए लोक सेवा आयोग की तर्ज पर लिखित परीक्षा और इंटरव्यू लेने के बाद केरल देवस्वाम भर्ती बोर्ड ने गुरुवार को इनकी लिस्ट जारी की। इन्हें त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड के प्रबंधन वाले मंदिरों में नियुक्त किया जाएगा। यह बोर्ड सबरीमाला स्थित मशहूर अयप्पा मंदिर सहित राज्य के करीब 1,248 मंदिरों का रखरखाव करता है। बोर्ड के अध्यक्ष राजगोपालन नायर ने कहा, ‘यह पहला मौका है, जब पुजारियों की नियुक्ति में पिछड़ा वर्ग और दलितों को आरक्षण दिया गया। हमने कुछ दिन पहले पिछड़े वर्ग के पुजारी नियुक्त किए थे, लेकिन उन्होंने मेरिट के आधार पर चयन सूची में जगह बनाई थी।’
त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड की स्थापना 1949 में हुई थी। पुजारियों के लिए एससी और ओबीसी के चयन की मांग दशकों से चल रही थी। इस मांग का विरोध भी पुरजोर हो रहा था। ऐसे में अभी तक यह मामला लंबित था। अभी यह नियुक्ति प्रक्रिया सिर्फ त्रावणकोर बोर्ड के लिए अपनाई गई है।
अयप्पा मंदिर में नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट में
गोपालकृष्णनने कहा कि सबरीमाला स्थित अयप्पा मंदिर में दलित पुजारी की नियुक्ति का मामला हाइकोर्ट में है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार वहां सिर्फ ब्राह्मण पुजारी ही नियुक्त किए जा सकते हैं। हाइकोर्ट के निर्णय अनुसार ही वहां की नियुक्ति पर फैसला लिया जाएगा।
केरल में पहली बार मंदिरों में आरक्षण से नियुक्ति