पोल
बड़ौदा के क्रिकेटर विष्णु बेटी की मौत का गम भुलाकर मैदान पर पहुंचे और शतक भी लगाया। आप क्या कहेंगे?
खिलाड़ी के लिए उसकी टीम पहले है, परिवार बाद में
54%
कॉम्पटीशन का दौर है। यह फर्ज नहीं, करियर का मामला
26%
परिवार का ध्यान सबसे पहले रखना चाहिए
20%
पोल समाप्त हो गया है