नासिक:तेंदुए को पकड़ने के लिए ग्रामीणों ने बकरी को बनाया उसका चारा, 24 घंटे के प्रयास के बाद गिरफ्त में आया
- इन तेंदुओं ने अब तक कई किसानों, उनके कुत्तों, बकरियों और जानवरों पर हमला किया है
बागलाण तालुका में अरणी सहित ठेंगोडा, लोहोनर और सावकी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से कुछ तेंदुए के घूमने की जानकारी सामने आ रही है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र में कम से कम 4 से 6 तेंदुए घूम रहे हैं। इन तेंदुओं ने अब तक कई किसानों, उनके कुत्तों, बकरियों और जानवरों पर हमला किया है।
तेंदुओं के आतंक के कारण गांव और उसके आसपास के इलाके पिछले दो महीनों से दहशत में हैं और किसान रात में खेतों में जाने और फसलों को पानी देने से बच रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार की रात (8 अगस्त) को एक तेंदुए ने देवीदास नत्थू आहिरे नाम के किसान के खेत में बंधी बकरी पर हमला कर दिया।
अहिरे ने बताया,"बकरी के चिल्लाने की आवाज सुनकर हम लोग लाइट और डंडे लेकर खेत की ओर दौड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और तेंदुआ बकरी को मार चुका था। हालांकि, हमारे आने की आहट पाकर वह वहां से भाग चुका था। इसके बाद हमने ग्रामीणों के साथ मिलकर इस तेंदुए को पकड़े के प्लान बनाया।"
ऐसे पकड़ा गया तेंदुआ
अहिरे ने बताया कि हमने मरी हुई बकरी को खेत से नहीं हटाया और उसे रस्सी के सहार बांध कर रखा। हमें पता था कि तेंदुआ इसे खाने के लिए आएगा और हम इसे पकड़ लेंगे। तेंदुए ने शनिवार रात 10.15 मिनट पर बकरी पर हमला किया था और वह रात 1.45 मिनट पर फिर से आया। लेकिन आसपास लोगों की आहट पाकर वह चला गया। इसके बाद हम रविवार को भी उसका इंतजार करते रहे। इस दौरान हमने उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम को भी बुला लिया था। रविवार रात 10 बजे वह फिर से आया और हमने इस बार बकरी को पिंजड़े में रख दिया था। तेंदुआ जैसे ही बकरी को खाने के लिए अंदर घुसा हमने उसका दरवाजा बंद कर दिया। इस तरह तकरीबन 24 घंटे बाद तेंदुआ पकड़ा गया।