बहादुर बच्चे की वीरता को सम्मान:नांदेड़ में पानी में डूब रहे थे तीन छात्र, 14 साल के लड़के ने बचाई थी अपने से ज्यादा उम्र के दो लड़कों की जान
PM नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) पाने वाले 32 बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद साधा। इन बच्चों में महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे भी शामिल हैं। 14 वर्षीया वाघमारे ने अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना नदी में डूब रहे दो बच्चों की जान बचाई थी। खास यह था कि कामेश्वर ने जिन दो छात्रों की जान बचाई वह उम्र और वजन में उनसे ज्यादा थे।
ऐसे बचाई दो बच्चों की जान
नांदेड जिले की कंधार तालुका के घोड़ा गांव के पास बहने वाली नदी में 22 फरवरी, 2020 को तीन बच्चे नहा रहे थे। ये ऋषि महाराज मंदिर में दर्शन करने आए थे। इस बीच बहाव में फंसकर तीनों डूबने लगे। पास से गुजर रहे कामेश्वर(14) ने उनकी आवाज सुनी और दौड़कर मौके पर पहुंचे और पानी में छलांग लगा दी।
एक को नहीं बचा पाने का मलाल आज भी
पानी का बहाव तेज था, इसके बावजूद कामेश्वर आदित्य डूंडे(16) और गजानन श्रीमांगले(16) को बचाने के कामयाब रहे। हालांकि, तीसरे छात्र यानी शैल्या कामेश्वर ने लहरों की चपेट में आकर दम तोड़ दिया। इस बात का मलाल कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे को आज भी है।
सीएम ने भी मातोश्री बुलाकार किया था सम्मानित
कामेश्वर जगन्नाथ वाघमारे की वीरता और साहस की कहानी अगले दिन सुर्खियों में आई तो तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विजय कुमार मागर ने उनके नाम की संस्तुति की और राज्य सरकार से उन्हें पुरस्कृत करने की अपील की। उनकी इस अपील का असर हुआ और कुछ दिन बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले कामेश्वर को मातोश्री बुलाकर सम्मानित सम्मानित किया था।
11 महीने बाद मिला वीरता के लिए यह सम्मान
इसके तकरीबन 11 महीने बाद 22 जनवरी 2021 को उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस खबर के फैलते ही कामेश्वर के घर पर बधाइयां देने वालों का तांता लग गया। कामेश्वर ने जिन दो बच्चों की जान बचाई है वे भी उनसे मिलने पहुंचे और उनका शुक्रिया अदा किया। डिप्टी सीएम अजित पवार भी कामेश्वर को सम्मानित कर चुके हैं।