लांबड़ा प्रकरण:धरना 120वें दिन भी जारी, प्रशासन पर भेदभाव का आरोप
लांबड़ा प्रकरण में भेदभावपूर्ण कार्रवाई से दलित वर्ग में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हुई है। अनुसूचित जाति जनजाति एकता मंच बाड़मेर के संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि अधिकारियों ने प्रभावशाली व्यक्तियों के अतिक्रमण को नजरअंदाज करके भेदभावपूर्ण तरीका अपनाया है।
बडेरा ने कहा कि गडरारोड तहसील के राजस्व गांव लांबड़ा में 15 जुलाई को गोचर भूमि के खसरा नम्बर 800 रकबा 816.13 बीघा जमीन में भील आदिवासियों के सवा बीघा जमीन से बेदखल कर अतिक्रमण हटाया गया था लेकिन इसी खसरे से जुड़े गोचर भूमि के खसरा नम्बर 805 रकबा 226 बीघा जमीन में प्रभावशाली लोगों के 36 बीघा में अतिक्रमण को जान बूझकर नजर अंदाज करते हुए भेदभावपूर्ण तरीका अपनाया।
जिससे पिछले चार महीने से भील आदिवासी खुले आसमान के नीचे रहने को बाध्य किया गया है। पिछले 120 दिनों से बेमियादी धरना देकर गोचरभूमि से ताकतवर लोगों के अतिक्रमण हटाने की मांग की जा रही है। जिसको प्रशासन लगातार अनदेखा कर कमजोर वर्ग में असुरक्षा की भावना उत्पन्न कर रहा है।