यूपी में जातीय दंगों की साजिश का मामला:भड़काऊ बयान मामले में एसटीएफ ने हाथरस केस के विक्टिम परिवार से की पूछताछ
- हाथरस केस के बहाने जातीय दंगे कराने की साजिश रचने के मामले की जांच कर रही एसटीएफ
- 14 सितंबर को लड़की के साथ हुआ था रेप, 29 सितंबर को हुई थी मौत
हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप व उसकी मौत के प्रकरण की जांच सीबीआई और एसआईटी कर रही है। इसके अलावा इस केस के बहाने यूपी में जातीय व सांप्रदायिक दंगों की साजिश रचने के मामले में यूपी एसटीएफ पड़ताल में जुटी है। सोमवार को एसटीएफ की एक टीम मृत युवती के घर पहुंची। जहां कांग्रेस नेता श्योराज जीवन के बारे में लड़की के पिता से सवाल किए गए। इस घटना के बाद श्योराज जीवन पीड़ित के परिवार के संपर्क में थे। साथ ही गांव में विवादित बयान भी दिया था। उन पर केस भी दर्ज है। पुलिस एक बार पूछताछ कर चुकी है।
तीन सदस्यीय टीम ने की पूछताछ
एसटीएफ के इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह की अगुवाई में 3 सदस्यीय टीम सोमवार की शाम पीड़िता के घर पहुंची। जहां पीड़ित के पिता से पूछा गया कि कांग्रेस नेता श्योराज जीवन आए थे। उनकी कांग्रेस नेता से क्या-क्या बातें हुई थी। साथ ही घटना के बाद कांग्रेस नेता ने किस तरह का बयान दिया था। जीवन के खिलाफ चंदपा थाने में भड़काऊ बयान देने के मामले में केस भी दर्ज है। आज पूछताछ से पहले एसटीएफ पूरा होमवर्क करके गई थी। इससे पहले ही सीओ शादाबाद से केस से संबंधित सभी दस्तावेज व वीडियो क्लिप हासिल कर ली गई थी। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि जीवन के खिलाफ दर्ज मुकदमे और पीएफआई सदस्यों पर दर्ज मुकदमे की जांच एसटीएफ ने शुरू कर दी है।
कांग्रेस नेता ने क्या बयान दिया था?
श्योराज जीवन का एक टेलीविजन चैनल ने स्टिंग किया था। इसमें वे हाथरस में जातीय दंगा होने की बात कह रहे थे। वीडियो में वह आरोपियों के हाथ काटने और आंखें निकालने की धमकी देते नजर आ रहे थे। इसका वीडियो सामने आने के बाद चंदपा पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।
हाथरस में क्या हुआ था?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। परिजन ने जीभ काटने का भी आरोप लगाया था। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। चारों आरोपी जेल में हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ था।