हाथरस केस:डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार पर कार्रवाई न होने से पीड़ित परिवार नाराज, जांच प्रभावित करने का आरोप
- पीड़ित परिवार ने डीएम पर दबाव बनाने और धमकाने का आरोप लगाया था
- आरोप- 29 सितंबर की रात जिलाधिकारी ने पीड़ित का शव जबरन जलवाया था
उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत को लेकर सियासत जारी है। वहीं, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार पर कार्रवाई न होने से पीड़ित परिवार में नाराजगी बढ़ती जा रही है। परिवार ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच कराई जाए। इससे पहले डीएम पर कार्रवाई की जाए। डीएम प्रवीण कुमार के रहते जांच प्रभावित हो सकती है। सोमवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद आप सांसद संजय सिंह ने भी डीएम पर हटाए जाने की मांग की है।
एसपी समेत पांच पुलिसकर्मियों पर हुई थी कार्रवाई
एसआईटी ने शुक्रवार को हाथरस गैंगरेप केस में पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार एसपी हाथरस विक्रांत वीर को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इनके साथ सीओ राम शब्द, प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा, सीनियर सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह, हेड कांस्टेबल महेश पाल को सस्पेंड किया गया था।
साल 2012 बैच के आईएएस हैं प्रवीण कुमार
मूलरूप से राजस्थान के जयपुर के रहने वाले प्रवीण कुमार लक्षकार साल 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं। वे साल 2019 से हाथरस में तैनात हैं। उनकी पहली पोस्टिंग 2013 में रायबरेली में ट्रेनी आईएएस के रूप में हुई थी। जहां करीब सवा साल रहने के बाद साल 2014 में प्रवीण कुमार का तबादला अलीगढ़ में जॉइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुआ। यहां करीब दो साल रहने के बाद 2016 में उनका ललितपुर में मुख्य विकास अधिकारी के पद तबादला हुआ था। इसके बाद यहां से 17 अप्रैल 2018 को लखनऊ ट्रांसफर हो गया। तब वे पंचायती राज विभाग में भी रहे।
इन विवादों से घिरे डीएम
- 29 सितंबर को पीड़िता का शव आधी रात जलवाया। घर वालों ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी बेटी को आखिरी बार देखने नहीं दिया गया।
- पीड़िता की भाभी ने आरोप लगाया था कि डीएम ने उनके ससुर (पीड़ित के पिता) से कहा कि अगर तुम्हारी बेटी अभी कोरोना से मर जाती तो क्या तुमको मुआवजा मिल पाता?
- डीएम ने पीड़ित परिवार को बयान बदलने का दबाव बनाया। वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वे कह रहे थे कि विश्वसनीयता खत्म करो। ये मीडिया वाले आधे आज चले गए आधे कल चले जाएंगे। हम आपके साथ खड़े हैं। आपकी इच्छा है कि आपको बार-बार बयान बदलना है कि नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएं।
- डीएम पर पीड़ित परिवार वालों के फोन जब्त करने के आरोप लगे। इसके अलावा पीड़ित परिवार को दो दिनों तक मीडिया वालों से मिलने से रोका गया।
आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने एसोसिएशन को लिखा था लेटर
उत्तर प्रदेश के आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने दो दिन पूर्व यूपी आईपीएस एसोसिएशन से अपील की थी कि वह हाथरस के जिलाधिकारी को निलंबित किए जाने के लिए हस्तक्षेप करें। अमिताभ ने कहा कि पुलिस अफसरों पर कार्यवाही अपेक्षित थी, लेकिन साथ ही इस मामले में डीएम हाथरस प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ भी अत्यंत प्रतिकूल तथ्य मीडिया व सोशल मीडिया से सामने आ रहे हैं, जिसमें उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से पीड़िता के परिवार को धमकी देने जैसे गंभीर आरोप तक शामिल हैं। अमिताभ ने यह लेटर एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किए जाने के बाद लिखा था।
मायावती का ट्वीट-