नंदगांव में कृष्ण जन्माष्टमी:मध्यरात्रि नंद बाबा मंदिर में जन्मे कन्हाई, कोरोना के चलते सेवायतों ने निभाई परंपरा, आज मनेगा नंद महोत्सव
- रात 12 बजे ठाकुरजी का हुआ अभिषेक व महा आरती
- जन्म से पहले राधारानी के गांव बरसाना के ब्राह्मण बधाई देने नंदगांव पहुंचे और बधाई गाई
जन्माष्टमी पर्व को लेकर कान्हा की नगरी मथुरा में चहुंओर उमंग व उल्लास है। यहां कृष्ण जन्मस्थान में आज मध्य रात्रि कान्हा का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। लेकिन नंदगांव में मंगलवार रात भगवान लीलाधर का जन्मोत्सव मनाया गया। नंद बाबा मंदिर मध्य रात्रि ठाकुर जी का अभिषेक किया गया। इसके बाद महाआरती हुई। कोरोना के चलते इस बार मंदिर में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश नहीं हो सका। सेवायतों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत परंपरा का निवर्हन किया। जन्म से पूर्व राधारानी के गांव बरसाना के ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोग नंदबाबा को बधाई देने नंदगांव पहुंचे और बधाई गाई। अपने सखा के जन्मदिन को लेकर नंदगांव के गोप उत्साहित नजर आए।
पुरोहित ने वंशावली का किया बखान
नंदबाबा मंदिर के सेवायत ताराचंद गोस्वामी ने बताया कि, मध्य रात्रि में ढांड ढांडिन लीला का आयोजन किया गया। नंदबाबा के पुरोहित ने श्रीनंदबाबा की वंशावली का बखान किया। इसके बाद मध्य रात्रि कान्हा का अवतरण हुआ। इस दौरान घर-घर मीठे पकवान बनए गए। लोग बधाई गीत गाते नजर आए।
राधारानी के माता-पिता आज देने आएंगे बधाई
जन्मोत्सव के बाद आज नंदगांव में नंदोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मान्यता है कि, भगवान कृष्ण के जन्म के अगले दिन बरसाना से राधारानी के माता पिता वृषभानु और कीरत रानी सखियों के साथ नंद बाबा को बधाई देने आए थे। इस परंपरा का निवर्हन बरसाना के गोस्वामी समाज द्वारा बड़े धूमधाम से किया जाता है। कान्हा को हंसाने के लिए 5 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग कुश्ती लड़कर परंपरा को निभाते हैं। दही और हल्दी मिलाकर इसका छिड़काव श्रद्धालुओं पर किया जाता है। इसे लाला की छीछी भी कहते हैं। लेकिन कोरोना के चलते इस बार परंपराओं का प्रतीकात्मक रुप से निवर्हन किया जाएगा।