अयाज मेमन की कलम से:बड़ी संख्या में चोटिल हुए खिलाड़ी, टीम चुनने में परेशानी हुई, यह चिंताजनक
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज शानदार रही है। पहला टेस्ट हारने के बाद टीम ने अच्छी वापसी की और दूसरा टेस्ट जीता। तीसरे टेस्ट में पुजारा, पंत, विहारी और अश्विन ने उम्दा बल्लेबाजी कर मैच ड्रॉ कराया। चौथा टेस्ट शुरू होने से पहले टीम चुनने के लिए काफी परेशानी हुई। 8 मुख्य खिलाड़ी चोटिल हो गए थे।
किस बॉलिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरे भारत
सबसे बड़ा सवाल था कि दो स्पिन और तीन तेज गेंदबाज के साथ जाएं या चार तेज और एक स्पिनर्स के साथ। ब्रिस्बेन के इतिहास को देखें तो यहां तेज गेंदबाज अधिक सफल रहे हैं। इस कारण सिराज और सैनी के साथ बतौर तेज गेंदबाज शार्दूल और नटराजन को मौका मिला।
इसलिए कुलदीप की जगह सुंदर को मौका मिला
बल्लेबाजी अच्छी करने के कारण कुलदीप की जगह सुंदर को मौका दिया गया। यह टेस्ट में उतरने वाली सबसे अनुभवहीन गेंदबाजी टीम रही। इसके बाद भी हमारे गेंदबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने दबाव को अच्छे से झेला और ऑस्ट्रेलिया को 369 पर रोक दिया। हालांकि यह स्कोर कम नहीं है, लेकिन पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम को 450 के स्कोर की उम्मीद रही होगी।
रोहित के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया फ्रंट फुट पर
हालांकि, रोहित के 44 रन पर आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम मैच में थोड़ी आगे दिख रही है। यदि पहले सेशन में अधिक झटके नहीं लगे तो टीम इस टेस्ट में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। टीम ने दौरे पर अब तक जैसा प्रदर्शन किया है, उसे शानदार कहा जा सकता है।
खिलाड़ियों का चोटिल होना खतरे की घंटी
बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का चोटिल होना खतरे की घंटी है। यह असामान्य है और यह टीम को कई तरह से प्रभावित करता है। क्या यह ओवरलोड के कारण है? क्या खिलाड़ी अपनी फिटनेस को लेकर गंंभीर नहीं हैं? इस कारण ऐसा स्थिति बनी या कोई अन्य कारण। इस स्थिति की जांच होनी है। BCCI को एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाकर इसका खाका तैयार करना चाहिए।