इजराइल के 'मिस्टर सिक्योरिटी' कहे जाने वाले एरियल शेरॉन नहीं रहे। आठ साल तक कोमा में रहने के बाद उन्होंने शनिवार को अंतिम सांस ली। इजरायल जहां उन्हें हमेशा 'बुलडोजर' के तौर पर याद रखेगा, वहीं फिलीस्तीन 'सबसे बड़े कसाई' को कभी नहीं भूल पाएगा। विवादास्पद, लेकिन दमदार नेता के तौर पर शेरॉन हमेशा याद रखे जाएंगे।
इसलिए याद रखे जाएंगे एरियल शेरॉन
इजरायल में वॉर हीरो
1. जन्म फिलीस्तीन में 1928 में हुआ। 1948-49, 1950 और 1967 के इजरायली युद्धों में हिस्सा लिया। हर मोर्चे पर सामने रहकर नेतृत्व किया।
2. 1973 में पहली बार संसद के लिए चुने गए और 1977 में पहली बार मंत्री बनाए गए। 1982 में लेबनान पर हुए इजराइली हमले के पीछे उन्हीं का दिमाग था।
3. 1990 की शुरुआत में उन्होंने पश्चिमी तट और गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर यहूदी बस्तियां बसाईं। बाद के सालों में शेरॉन ने इन्हीं बस्तियों को हटवाया। देश में ही विरोध हुआ। खुद की पार्टी-लिकुद से अलग हो गए।
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