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सजा होने पर भी नहीं छिनेगी सांसद-विधायकों की कुर्सी

10 वर्ष पहले
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नई दिल्‍ली. अब जेल की सजा होने पर भी सांसद व विधायकों की कुर्सी नहीं छिनेगी। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए अध्यादेश ले आई। मंगलवार को कैबिनेट ने मंजूरी दी। राष्ट्रपति की मुहर के बाद नया कानून लागू हो जाएगा। लेकिन अध्‍यादेश लाने के सरकार के फैसले का विपक्ष ने विरोध किया है। भाजपा की नेता सुषमा स्‍वराज ने ट्वीट किया है कि इस अध्‍यादेश पर राष्‍ट्रपति को दस्‍तखत नहीं करना चाहिए।
इस अध्‍यादेश के कानून में बदलने के बाद दस बड़े नेताओं समेत कई नेताओं की नेतागीरी पर मंडरा रहा खतरा टल जाएगा। इसका तत्‍काल फायदा रशीद मसूद और लालू प्रसाद को होने वाला है। चारा घोटाले में फंसे बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और मौजूदा राजद सांसद लालू यादव के खिलाफ 30 सितंबर को कोर्ट का फैसला आना है। जबकि, कांग्रेस सांसद रशीद मसूद एमबीबीएस दाखिला मामले में दोषी ठहराए जा चुके हैं। उनकी सजा पर फैसला 1 अक्टूबर को होना है।
यदि किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा हुई तो वह खुद ही अयोग्य घोषित हो जाएगा। (फैसला 10 जुलाई 2013)
* सजा के 90 दिन में ऊपरी अदालत में चुनौती देने पर सांसद/विधायक अयोग्य घोषित नहीं होगा।
* ट्रायल कोर्ट में दोषी होने के बाद तब तक वेतन-भत्ते नहीं मिलेंगे जब तक ऊपरी अदालत बरी न कर दे।
* ऊपरी अदालत से फैसला आने तक संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे। वोटिंग का हक नहीं।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर दोबारा गौर करने के लिए रिव्यू पिटीशन भी दाखिल की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार मानसून सत्र में जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन बिल लाई थी। संशोधन बिल पर पांच सितंबर को लोकसभा में मुहर लगी। भाजपा व बीजद की आपत्ति के कारण राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका।
जब सरकार के पास कोई रास्‍ता नहीं बचा तो उसने अध्यादेश लाने का आखिरी रास्‍ता चुना। लेकिन भाजपा सवाल खड़े कर रही कि सरकार इस मामले को लेकर अध्यादेश लाने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है?
दरअसल, भाजपा के सवाल का जवाब इन आंकड़ों में ढूंढा जा सकता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक-
* 4807 सांसदों और विधायकों में से 1460 पर आपराधिक मामले हैं। 688 केस (14') जघन्य अपराधों से जुड़े हैं।
* लोकसभा के 543 सांसदों में से 162 पर आपराधिक मामले लंबित, 76 गंभीर किस्म के मामले हैं।
* राज्यसभा के 232 सदस्यों में से 40 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। 16 गंभीर किस्म के हैं।
* 4032 विधायकों में से 1258 पर आपराधिक मामले लंबित हैं। 596 गंभीर किस्म के हैं।

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