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अब छात्रों को नहीं लगानी पड़ेगी लाइन, स्कूल-कॉलेज में बनेंगे आधार कार्ड

10 वर्ष पहले
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रायपुर। राज्य में एक साल से ज्यादा समय से ठप पड़ी आधार कार्ड बनाने की योजना में एक बार फिर जान डालने की कवायद की जा रही है। आला अफसरों की ढिलाई की वजह से राजधानी समेत सभी जिलों में आधार कार्ड बनाने का काम महीनों से बंद है।
आधार कार्ड नहीं बनने की वजह से लोगों को भविष्य में रसोई गैस की सब्सिडी, स्कॉलरशिप समेत केंद्र सरकार की कई योजनाओं का सीधा फायदा नहीं मिलने वाला। इसी आशंका से नाराज यूनिक आइडिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने राज्य योजना आयोग को पत्र लिखकर स्कूल और कॉलेजों में शिविर लगाकर आधार कार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सामान्य लोगों के आधार कार्ड बनाने का काम कब तक शुरू होगा, इस बारे में स्थिति साफ नहीं है।
छत्तीसगढ़ में पहली बार आधार कार्ड के लिए स्कूल और कॉलेज में शिविर लगाए जाएंगे। यूआईडीएआई के निर्देशों के अनुसार 15 जनवरी से इस योजना को शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका सीधा फायदा राज्य के लाखों छात्रों को होगा। उन्हें कतार में लगकर आधार कार्ड बनाने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। राज्य में दो साल पहले आधार कार्ड तैयार कर यूनीक आईडी देने का काम शुरू हुआ था पर इसकी रफ्तार बेहद धीमी थी। पिछले एक साल से यह काम पूरी तरह से ठप है। इतना ही नहीं एक साल में बमुश्किल दो हजार लोगों को ही आधार कार्ड नंबर मिल पाए हैं।
यूआईडीएआई इस बात से नाराज है कि आधार कार्ड का काम पूरी तरह से ठप हो जाने के बावजूद राज्य ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की, न ही आयोग से पत्र व्यवहार किया। केंद्र सरकार ने अफसरों की इस ढिलाई के बाद खुद ही दिल्ली की एक कंपनी को जिलों में आधार कार्ड बनाने की जिम्मेदारी दे डाली है। दिल्ली की कंपनी इस महीने से ही कार्ड बनाने का काम शुरू करेगी।
कैश सब्सिडी का नहीं मिलेगा फायदा
केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सब्सिडी वाले सिलेंडरों की राशि सीधे खाते में उन्हीं लोगों के पास जाएगी जिनके आधार कार्ड बने हैं और उनके पास बैंक खाते हैं। आने वाले दिनों में स्कॉलरशिप से लेकर अन्य कई योजनाओं में केंद्र शासन के अनुदान का हिस्सा भी सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में जमा होने वाला है।
हाल में केंद्र शासन ने देश के 51 जिलों में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर की योजना को लागू करने की घोषणा की है, जिसमें कुछ जिलों में योजना को लागू कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में बेहद धीमी गति से आधार कार्ड बनाए जाने की वजह से बहुत कम लोगों के पास ये यूनीक आईडी नंबर हैं।
राज्य के एक भी जिले को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना के पहले चरण में शामिल नहीं करने की एक बड़ी वजह यह भी रही। जानकार लोगों का कहना है कि कार्ड बनने की रफ्तार यही रही तो आने वाले एक-दो साल में भी केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा राज्य के लोगों को नहीं मिलेगा।
कंपनी को मिली छूट
यूआईडीएआई की ओर से अब तक निजी कंपनियों को एक दायरे में ही रहकर आधार कार्ड बनाने के लिए कहा गया था। कोई भी कंपनी अपने सेंटर से केवल 500 मीटर के दायरे में ही रहकर कार्ड बना सकती थी, लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब कंपनी को इस नियम में छूट दी गई है। दिल्ली की इस कंपनी को यह छूट केवल स्कूल-कॉलेज में लगने वाले शिविरों के तहत ही दी जाएगी।
दूसरे चरण में फिर होगा योजना का विस्तार
आधार कार्ड बनाने के लिए पहले चरण में स्कूल-कॉलेजों को शामिल करने के बाद दूसरे चरण में वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, मूक बधिर नेत्रहीन बच्चों की संस्थाओं और बाल आश्रम में विशेष शिविर लगाकर आधार कार्ड बनाए जाएंगे। डाकघरों और बैंकों में आधार कार्ड बनाने में हो रही दिक्कतों के बाद ही यह फैसला लिया गया कि पंजीकृत संस्थाओं में शिविर लगाकर कार्ड बनाए जाएं। ताकि लोगों को भी लंबी कतार से छुटकारा मिल सके।