नई दिल्ली. दिल्ली में रविवार को साढ़े 11 हजार केंद्रो पर मतदान होगा। इसके लिए पुलिस समेत एक लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। 11,532 मतदान केंद्र दिल्ली की 2700 इमारतों में बनाए गए हैं।
अधिकांश मतदान केंद्र स्कूल की इमारतों में बनाए गए हैं। कई स्कूलों में तो एक साथ छह-छह मतदान केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे। नगर निगम के 272 वार्डो के चुनाव के लिए 2423 उम्मीदवार मैदान में हैं। दिल्ली के 1.34 करोड़ से अधिक मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
प्रत्याशियों व विभिन्न राजनीतिक पार्टियों पर कड़ी नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने त्रिस्तरीय व्यवस्था की है। इसके तहत मतदान के दौरान तीन विभिन्न टीमें तैनात रहेंगी। पहली टीम पर्यवेक्षकों की होगी, दूसरी टीम माइक्रो पर्यवेक्षकों की होगी और तीसरी टीम राजनीतिक पार्टियों के खर्च पर नजर रखने के लिए बनाई गई है।
ये तीनों टीमें आचार संहिता के उल्लंघन होने पर कार्रवाई करेंगी। दिल्ली के निर्वाचन आयुक्त राकेश मेहता के मुताबिक सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है।
साथ ही प्रत्येक मतदान केंद्र पर डबल वीडियोग्राफी की व्यवस्था की गई है। इसका मकसद मतदान केंद्र पर होने वाली प्रत्येक गतिविधि को रिकॉर्ड करना है। सभी 11532 मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी व 1298 सेक्टर ऑफिसरों की तैनाती की गई है।
मतदान 15 अप्रैल सुबह आठ बजे से शुरू होगा हालांकि मतदान केंद्र 14 अप्रैल से ही चुनाव आयोग के कब्जे में दे दिए जाएंगे। शाम होते होते इन केंद्रों में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनें भी पहुंचा दी जाएंगी।
वोटिंग मशीनों की सुरक्षा के लिए शस्त्र सुरक्षा बलों को तैनात किया जाना है। हालांकि दिल्ली के चुनावी इतिहास में वोटिंग मशीन लूटने या छीनने जैसी कभी कोई वारदात दर्ज नहीं की गई है।
इन सभी तैयारियों के बीच चुनाव आयोग मतदान के प्रतिशत को लेकर चिंतित है। दरअसल आयोग चाहता है कि इस बार दिल्ली में कम से कम 60 फीसदी मतदान हो और दिल्ली के लोग मतदान प्रतिशत में फस्र्ट डिवीजन हासिल करें। इसके लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली के लाखों मतदाताओं को बाकायदा चिट्ठी भी भेजी है।
चुनाव में बरतें सावधानी, अन्यथा होगी कार्रवाई
निगम चुनाव के दौरान बरतें सावधानी, अन्यथा प्रशासन सख्ती बरत सकता है। मतदान केन्द्र पर तैनात कर्मचारियों के साथ आपको सहयोगी व्यवहार करना होगा। राज्य चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदान केन्द्र पर आने वाले कार्यकर्ताओं को अपना पहचान पत्र अथवा बैज लेकर आना होगा।
मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्ची का कागज सफेद होना चाहिए। पर्ची पर किसी पार्टी का चिह्न्, प्रत्याशी या पार्टी के नाम का उल्लेख नहीं होना चाहिए। मतदान केन्द्र के पास राजनीतिक पार्टियों व प्रत्याशियों द्वारा अनावश्यक भीड़ इकट्ठी करना वर्जित है।
मतदान के दिन वाहनों के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी दिशा-निर्देश का पालन करना होगा और वाहनों पर अनुमति पत्र लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही केन्द्र के पास लगाया गया कैम्प साधारण होना चाहिए।
कैम्प पर किसी तरह का पोस्टर, झंडा, चिह्न् या कोई अन्य प्रचार सामग्री का उपयोग नहीं होना चाहिए। साथ ही खाने की वस्तुएं वितरित करना भी प्रतिबंधित किया गया है।
मतदान केन्द्र पर आवश्यक नियम : आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदान केन्द्र के अंदर मतदाता, ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी और आयोग द्वारा अनुमति प्राप्त व्यक्ति के अलावा कोई भी व्यक्ति या प्रत्याशी अंदर नहीं जा सकता है। हालांकि नेत्रहीन मतदाता के साथ एक सहयोगी को अंदर जाने की अनुमति मिले गी।
चुनाव प्रचार पर पाबंदी : शनिवार सुबह चुनाव प्रचार थमने के बाद किसी भी माध्यम से प्रचार करना प्रतिबंधित हो जाएगा। आयोग ने सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी पार्टी अथवा प्रत्याशी द्वारा समाचार पत्र, टीवी चैनल्स, केबल टीवी चैनल्स, रेडियो, एफएम चैनल्स इत्यादि के जरिए निर्धारित अवधि के बाद चुनाव प्रचार नहीं किया जाएगा।
यदि इस तरह का कोई मामला पाया जाता है तो आयोग द्वारा संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि लाउडस्पीकर, ढोल नगाड़ों का उपयोग तो शुक्रवार रात्रि दस बजे ही बंद हो जाएगा।
प्रचार में अन्ना व रामदेव का सहारा
निगम चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टियों के उम्मीदवार व निर्दलीय प्रत्याशी हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। कई स्थानों पर तो निर्दलीय उम्मीदवार अन्ना हजारे व बाबा रामदेव की तस्वीरें लेकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इन प्रत्याशियों का अन्ना हजारे या रामदेव से भले ही कुछ लेना-देना न हो लेकिन ये खुद को उनका अनुयायी बता रहे हैं।
उत्तम नगर से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी तो प्रतिदिन अन्ना हजारे की तस्वीर व टोपी पहन कर घूम रहे हैं। सफेद रंग की इस टोपी पर मैं भी अन्ना लिखा हुआ है। इसी तरह दिल्ली देहात के गांवों में कई उम्मीदवार बाबा रामदेव की तस्वीर अपने प्रचार में इस्तेमाल कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं को बांटी चुनावी किट
निगम चुनाव की आखिरी तैयारी के तौर पर अब नेताओं व कार्यकर्ताओं की सीधी मुलाकातों का दौर शुरू हो गया है। इन मुलाकातों में भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य सभी पार्टियां अपने-अपने पोलिंग एजेंट तय कर रही हैं। पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्र से जुड़ी एक विशेष किट भी दी जा रही है, जिसमें नवीनतम वोटिंग लिस्ट आदि दी जा रही है।
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