नई दिल्ली. अभिभावकों की नौकरी, आचार-व्यवहार, समाज व देश के लिए उनका योगदान अब बच्चे के नर्सरी दाखिले में मददगार साबित हो रहा है।
राजधानी के पब्लिक स्कूलों में जारी नर्सरी दाखिले की दौड़ में ऐसे स्कूलों की कमी नहीं है जिन्होंने दाखिले के लिए निर्धारित प्वाइंट सिस्टम में अभिभावकों के प्रोफेशन से लेकर उनकी उपलब्धियों तक को अहमियत दी है।
स्कूलों की ओर से निर्धारित इन पैमानों के चलते अभिभावकों का रिपोर्ट कार्ड बच्चों के दाखिले में मददगार साबित हो रहा है।
सरकारी नौकरी वालों की बल्ले-बल्ले:
नर्सरी दाखिले की दौड़ में जुटे उन अभिभावकों की राह आसान नजर आ रही है जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं। जीडी सलवान पब्लिक स्कूल जहां दिल्ली व भारत सरकार में प्रथम श्रेणी के प्रशासनिक अधिकारी को प्वाइंट सिस्टम में महत्व दे रहा है वहीं मंदिर मार्ग स्थित सेंट थॉमस स्कूल पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्सेज व सैन्य अधिकारियों के बच्चों को महत्व दे रहा है।
अभिभावकों की अच्छी आदतें भी मददगार:
मांसाहार से परहेज, स्मोकिंग से तौबा और शराब से दूर रहने की अभिभावकों की अच्छी आदतें भी नर्सरी दाखिले की दौड़ में बच्चों के लिए मददगार साबित हो रही हैं।
महावीर सीनियर मॉडल स्कूल की ओर से प्वाइंट सिस्टम के तहत खासतौर पर इस इन श्रेणियों को जगह दी गई है। प्रिंसिपल का कहना है कि इसके पीछे का कारण है ऐसे बच्चों को दाखिले का अवसर देना जो अच्छे खानपान के आदी परिवार से संबंध रखते हैं।
इसी कड़ी में भारतीय विरासत को बढ़ावा देने में जुटे अभिभावकों को उनके शौक व कोशिश के लिए स्कूल प्वाइंट सिस्टम में जगह दे रहे हैं। जी हां, ऐसे अभिभावकों के बच्चों को नर्सरी दाखिले में सरदार पटेल विद्यालय की ओर से महत्व दिया जा रहा है।
समाजसेवा व क्षेत्रीय आधार पर भी मिल रहा है लाभ :
अभिभावक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हुए हैं या फिर किसी ऐसे काम से जुड़े जो समाज व देश के हित में तो भी ऐसे अभिभावकों के बच्चों को नर्सरी दाखिले की दौड़ में महत्व मिलेगा।
इतना ही नहीं सृजन स्कूल ने तो क्षेत्रीय आधार पर भी प्वाइंट सिस्टम में विशेष प्रावधान किया है। मसलन यदि आपकी बोली मराठी, गुजरती आदि है तो आपके बच्चे को दाखिले के लिए निर्धारित प्वाइंट सिस्टम में अतिरिक्त प्वाइंट मिलेंगे।
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