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पहले कानूनी पापड बेलो फिर प्राइवेट स्कूल खोलो

10 वर्ष पहले
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शिमला
प्रदेश में अब प्राइवेट स्कूल नए नियमों के आधार पर खुल पाएंगे। इसके तहत 18 शर्तें पूरा करने पर ही प्राइवेट स्कूल खोला जा सकेगा। प्राइवेट स्कूल यदि इन शर्तों को पूरा नहीं करते, तो सरकार की ओर से उसे मान्यता नहीं दी जाएगी। अब नियम पहले से अधिक सख्त बनाए गए हैं।

इसके लिए स्कूल खोलने वाली संस्था या व्यक्ति को संबंधित दस्तावेजी प्रमाण भी उपलब्ध करवाने होंगे। इसके बाद विभागीय स्तर पर अनुमति मिलने के बाद ही प्राइवेट स्कूल खुल पाएंगे।

विभाग ने यह सख्ती आरटीई एक्ट के अस्तित्व में आने के बाद की है, जिसके आधार पर शिक्षा विभाग के समक्ष प्राइवेट स्कूलों को अपनी जानकारी उपलब्ध करवानी होगी।

स्कूल खोलने के पैरामीटर
प्राइवेट स्कूल खोलने के लिए 18 पैरा मीटर तय किए गए हैं।

इसमें सोसाइटी का पंजीकरण प्रमाण पत्र, सोसाइटी के सदस्यों की प्रतिलिपि, सोसाइटी का संविधान, ततीमा-जमाबंदी की प्रति, स्कूल भवन की फोटो, रेंट एवं लीज डीड संबंधी प्रमाण पत्र, पेयजल-बिजली उपलब्धता संबंधी प्रमाण, शौचालय से संबंधी फोटो, शैक्षणिक योग्यता सहित शिक्षक एवं गैर शिक्षक स्टाफ की जानकारी, आय के साधन, सुविधा उपलब्ध करवाने संबंधी शपथ पत्र, फीस ढांचे की जानकारी, पुस्तकालय एवं प्रयोगशाला संबंधी जानकारी

और खेल मैदान की उपलब्धता सहित अन्य दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध करवाने होंगे। इसके आधार पर ही प्राइवेट स्कूल खोलने की अनुमति मिलेगी।

कितने प्राइवेट स्कूल
प्रदेश में इस समय करीब 2900 प्राइवेट स्कूल है। इसमें करीब तीन लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत है। प्रदेश में साल दर साल प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ रही है।