हमीरपुर। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब प्रिंसिपल-हेडमास्टर्स और लेक्चरर्स सभी को दो बार हाजिरी लगानी पड़ेगी। अभी तक यह वर्ग ऐसी शर्त से बाहर थे। इनकी हाजिरी एक ही बार यानी स्कूल आने पर लगती थी। तीन बजे स्कूल छोडऩे के समय ये अटेंडेंस नहीं लगाते थे।
अब स्कूलों में व्यवस्था सही करने के लिए यह शर्त अनिवार्य कर दी गई है। डायरेक्टर ने जिलों को जो पत्र जारी किया है उसमें साफ किया गया है कि 16 अक्टूबर की शिमला में हुई डिप्टी डायरेक्टरों की बैठक में जो फैसला लिया था, उसी के तहत यह व्यवस्था की गई है।
पहले खुद बनें आदर्श: संघ
हेडमास्टर ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान प्रकाश ठाकुर का कहना है कि आदर्श स्थापित करने के लिए डायरेक्टर और उनके नीचे सभी अधिकारी दो टाइम हाजिरी लगाने के फरमान को पहले खुद पर लागू करें। क्योंकि हिमाचल सरकार के ऑफिस मेन्यू में किसी को भी एक टाइम हाजिरी से छूट नहीं है।
उधर, डिप्टी डायरेक्टर सेकंडरी एजुकेशन हमीरपुर आरसी तबयाल का कहना है कि इन आदेशों पर अमल न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों का माहौल बेहतर करने के लिए ही यह आदेश जारी किए गए हैं।
क्या था लेक्चरर्स विवाद
दरअसल स्कूल काडर के लेक्चरर्स की हाजिरी का विवाद काफी पुराना है। 1999 में भी डायरेक्टर शिक्षा ने इस वर्ग को दो टाइम हाजिरी लगाने के आदेश दिए थे। तब यह भी कहा था कि इससे स्कूलों में टीचर्स आपसी मतभेद में नहीं बंटेंगे और अच्छा माहौल बनेगा। इससे लेक्चरर्स के स्टेटस पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन स्कूलों में इन आदेशों का पालन नहीं हुआ, इसी कारण अब इस माह नए आदेश जारी हुए हैं। डायरेक्टर ने प्रदेश के सभी डिप्टी डायरेक्टरों को इन आदेशों को लागू करवाने के आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोताही पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
प्रिंसिपल, हेडमास्टर पहली मर्तबा
प्रिंसिपलों और हेडमास्टरों को पहली मर्तबा दो बार हाजिरी लगाने की शर्त के दायरे में लाया गया है। अभी तक इन आदेशों पर लेक्चरर्स ही विरोध के स्वर दिखा रहे थे। अब प्रिंसिपल यूनियन भी हल्ला बोलने की तैयारी में है। दरअसल लेक्चरर्स कैटेगरी प्रिंसिपलों और हेडमास्टरों में भी मौजूद है। इसी कारण तीनों वर्गों को दायरे में लाया गया है। लेक्चरर्स व्यवस्था को स्टेटस के साथ जोड़ कर देख रहे हैं।
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