शिमला. प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से दसवीं और बारहवीं की कक्षा में अव्वल रहे मेधावी छात्रों को दिए जाने वाले लैपटॉप पर नीरज चंदेल को याचिका दायर करना महंगा पड़ा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर और न्यायाधीश राजीव शर्मा की खंडपीठ ने याचिका को न केवल खारिज किया, बल्कि इसे दायर करने पर 25 हजार रुपए का फाइन भी किया। यह लैपटाप प्रदेश के पांच हजार मेधावी छात्रों को दिए जाने प्रस्तावित हंै। खंडपीठ ने दस इंच के लैपटॉप देने के निर्णय को सही बताया।
याचिका में ये लगाए आरोप
याचिका में आरोप था कि राज्य सरकार जो लैपटॉप देना चाहती है, वह घटिया क्वालिटी के हैं। लैपटॉप पुरानी तकनीक के हैं। इनकी पावर मैमोरी भी कम है। आरोप यह थे कि दस इंच के लैपटॉप से छात्रों की आंखों पर दबाव पड़ेगा और उनकी आंखें भी खराब होगी। आरोप यह भी था कि राज्य सरकार ने टेंडर नोटिस जारी करने से पहले कंप्यूटर विशेषज्ञों की राय नहीं ली गई। इस आधार पर टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने और आईटी विशेषज्ञों की राय के बाद ही लैपटॉप आवंटन करने की गुहार लगाई थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.