हम 21वीं सदी में भी घरेलू हिंसा एक चिंता का विषय है। इस तरह के हिंसा के रूपों में शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शामिल है। यह रिश्तों में भय और प्रताड़ना के द्वारा अपना दबदबा बनाये रखने का एक गलत प्रयास है। इसकी शिकार अक्सर महिलाएं ही होती हैं। वह चाहे उच्च वर्ग की हों या निम्न वर्ग की।
प्रस्तुत वीडियो में साफ दिखाया गया है कि घरेलू हिंसा में ना केवल महिलाएं प्रभावित होती हैं बल्कि परिवार के नादान बच्चों पर भी असर पड़ता है। उनका मानसिक विकास रुक जाता है। उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता है। क्या आपके परिवार या पड़ोस में भी ऐसा होता है? यदि हां...तो उसे रोकिए। इस तरह की हिंसा से समाज को मुक्त कराने में मदद कीजिए।
घरेलू हिंसा कानून
महिलाओं का घरेलू हिंसा से बचाव के लिए सरकार ने कानून बनाया है। इसका मकसद घरेलू रिश्तों में हिंसा झेल रहीं महिलाओं को तत्काल व आपातकालीन राहत पहुंचाना है। इस कानून का मुख्य उद्देष्य किसी भी महिला को हिंसा मुक्त घर में रहने का अधिकार दिलाना है।
आपकी राय: घरेलू हिंसा के कारण पूरे परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आप इस तरह की हिंसा के बारे में क्या विचार रखते हैं? यदि आप वाकई में इसके खिलाफ हैं तो इस संदेश को फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
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