(मनमोहन के लिए 'सिरदर्द' बने पांच मंत्री, क्या कटेगा इनका पत्ता)
वाईपी सिंह ने सुप्रिया सुले पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने संसद सदस्य बनने के लिए अपनी संपत्ति की गलत जानकारी दी। सिंह ने दावा किया, 'लेक सिटी कॉरपोरेशन में 20.81 फीसदी शेयर सुप्रिया सुले और सदानंद सुले के नाम थे। इसमें कम से कम 10.4 फीसदी शेयर सुप्रिया के पास थे। जून, 2008 में एक्सिस बैंक ने लवासा प्रोजेक्ट की कीमत 10 हजार करोड़ आंकी थी। जब सुप्रिया ने अपने शेयर बेचे तो प्रोजेक्ट की कीमत 5 हजार करोड़ रही होगी। लेकिन सुप्रिया ने 15 करोड़ की संपत्ति घोषित की। इसके मुताबिक सुप्रिया ने लवासा में अपने प्रोजेक्ट सिर्फ 5 करोड़ में बेचे। लेकिन एक्सिस बैंक के मूल्यांकन को आधार माना जाए तो सुप्रिया ने कम से कम 500 करोड़ रुपये में बेचे गए होंगे। इसकी जांच होनी चाहिए।'
वाईपी सिंह ने शरद पवार पर आरोप लगाया कि कृषि मंत्री के पद पर रहते हुए लवासा प्रोजेक्ट को मदद पहुंचाई। वाईपी सिंह ने दावा किया, '2006 में लवासा ने कुछ मुद्दों पर छूट की मांग की थी। इसमें फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) जिसमें झील, पहाड़ जैसे कारकों के मद्देनजर बिल्डिंग की ऊंचाई बढ़ाए जाने की इजाजत मांगी गई थी। शरद पवार ने अपने भतीजे और तत्कालीन सिंचाई मंत्री अजित पवार ने तत्कालीन मुख्यमंत्री, वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ लवासा के गेस्ट हाउस एकांत में बैठक की थी। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि लवासा को ग्लोबल फ्लोटिंग एफएसआई देने का फैसला किया। हमारे पास उस बैठक का सारा ब्योरा है।' वाईपी सिंह ने नाराणय राणे पर यह आरोप लगाया कि लवासा परियोजना पर आईएएस अधिकारी रमेश कुमार ने आपत्ति जताई थी, लेकिन उनकी चिट्ठी को राणे ने दबा दिया।
वाईपी सिंह ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल (PICS: केजरीवाल का खुल गया 'राज', इनके सहारे फोड़ते हैं 'खुलासा बम') को शरद पवार के बारे में काफी जानकारी थी। वाईपी सिंह ने कहा, 'मेधा पाटकर के नेतृत्व में एक समिति बनी थी, जिसके सामने महाराष्ट्र के कई मामले थे। उस समिति में मैं और अरविंद दोनों सदस्य थे। इस समिति के सामने भी शरद पवार का भ्रष्टाचार का मामला था। मुझे उम्मीद थी कि अरविंद केजरीवाल बुधवार को यही खुलासा करेंगे, लेकिन उन्होंने इसे छोड़कर बहुत हल्का मामला उठाया।' वाईपी सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शरद पवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। वाईपी सिंह ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को लगा होगा कि दिल्ली में कांग्रेस के बाद बीजेपी पर हमला कर राजनीतिक जगह बनाई जा सकती है। शायद इसलिए शरद पवार को छोड़कर नितिन गडकरी पर हमला किया गया। (सलमान के ट्रस्ट ने जहां लगाए कैंप, उन गांवों का नहीं वजूद)
वाईपी सिंह ने अन्ना हजारे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भी लवासा मामले की जानकारी थी। लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को दिल्ली में धरने प्रदर्शन के दौरान नहीं उठाया। वाईपी सिंह ने दावा किया कि अन्ना हजारे शरद पवार के लिए 'सॉफ्ट कॉर्नर' रखते हैं।
शरद पवार ने वाईपी सिंह के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने अपने बचाव में दावा किया, 'लवासा की 80 फीसदी जमीन पानी में डूबी हुई थी। महाराष्ट्र सरकार ने हिल स्टेशन नीति बनाई थी। लवासा का विकास उसी नीति के तहत किया गया।' पवार ने कहा, 'अपने गृह जिले में होने के नाते मैं मुख्यमंत्री के साथ एकांत गेस्ट हाउस में हुई बैठक में मौजूद था। इस बारे में ज्यादा इसलिए नहीं बोलना चाहता हूं क्योंकि यह मामला कोर्ट के विचाराधीन है।' पवार ने लवासा की तारीफ करते हुए कहा कि यह अच्छा हिल स्टेशन है, जहां नामी लोग भी रहते हैं।
भले ही शरद पवार ने इस मामले में सधी हुई प्रतिक्रिया दी हो, लेकिन उनकी पार्टी के नेता जीतेंद्र अवाड ने एक खबरिया चैनल से बातचीत में कहा कि वाईपी सिंह एक फ्रॉड शख्स है। अवाड ने कहा कि अगर जीतेंद्र अपने आरोप साबित कर दें, तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
वाईपी सिंह के आरोपों पर सफाई देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि हम लोगों ने इस साल मई में ही में लवासा को लेकर शरद पवार पर आरोप लगाए थे।
अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए उनके सहयोगी मनीष सिसौदिया ने कहा कि हम लोग लगातार शरद पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाते रहे हैं। सिसौदिया के मुताबिक, 'इस साल जब हम लोग केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, तब उसमें शरद पवार का भी नाम था। तब हम लोगों ने गेहूं आयात घोटाला और लवासा घोटाले का आरोप लगाया था।' सिसौदिया ने कहा कि यह अच्छा हो रहा है कि देश में लोग अब काग़ज़ों के साथ भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर सामने आ रहे हैं। सिसौदिया ने कहा यह मुद्दा वाईपी सिंह बनाम अरविंद केजरीवाल नहीं है। बल्कि यह मुद्दा देश के सरकारी संसाधनों और बनाम उसे लूटने वालों का है।
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