नई दिल्ली. जंक फूड बनाने वाली कंपनियां ग्राहकों से झूठ बोलती हैं। ये अपने उत्पादों पर हानिकारक पदार्थों की गलत जानकारी देती हैं। यह खुलासा सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में हुआ है।
यह रिपोर्ट 16 जंक फूड कंपनियों के उत्पादों की जांच के बाद जारी की गई है। इसमें मैगी, टॉप रेमन, मैक डॉनल्ड्स, केएफसी और हल्दीराम सहित कई ब्रांडेड कंपनियां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनके उत्पादों में ट्रांस फैट्स, नमक और चीनी का स्तर मानकों से बहुत अधिक होता है। लेकिन कंपनियां इन पर झूठी जानकारी देती हैं।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, 'सभी को पता है कि जंक फूड सेहत के लिए खराब होते हैं। लेकिन कंपनियां अपने उत्पादों के बारे में झूठा प्रचार करती हैं। ऐसा कर यह कंपनियां उपभोक्ताओं की सेहत से खिलवाड़ कर रही हैं।' सीएसई का कहना है कि यह भारत में जंक फूड पर इतने बड़े स्तर पर किया गया यह पहला शोध है।
क्या होता है ट्रांसफैट
ट्रांस फैट दिल के लिए खतरनाक होते हैं क्योंकि वे हमारे शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को कम करते हैं। इसके विपरीत शरीर में नुकसानदेह कॉलेस्ट्राल एलडीएल की मात्रा बढ़ाते हैं।
यह मोटापा और डायबिटीज का मुख्य कारण होते हैं। फूड सेफ्टी स्टैंडड्र्स के नियम के मुताबिक अगर किसी ब्रांड के एक सर्विंग के अंदर ट्रांस फैट ०.२५ ग्राम से कम है तो वो अपने पैकेट पर नो ट्रांस फैट लिख सकते हैं।
तस्वीर में देखिए झूठ की सही तस्वीर...
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