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'आरटीई कानून के नियमों की पालन जरूरी, सभी स्कूल रजिस्ट्रेशन करवाएं'
चंडीगढ़. शिक्षा के अधिकार के तहत सभी स्कूल अपने राज्यों से रजिस्टर्ड होने चाहिए। सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा के सभी स्कूल अपने संबंधित राज्य से रजिस्टर्ड होने चाहिए। सुनवाई के दौरान सामने आया कि पंजाब में कुल 9800 स्कूलों में से 3800 स्कूल रजिस्टर्ड नहीं हैं। जस्टिस एसके मित्तल व जस्टिस टीपीएस मान की खंडपीठ ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के नियमों का स्कूलों में कड़ाई से पालन किया जाए। खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन, पंजाब व हरियाणा सरकार से इस बारे में रिपोर्ट तलब करते हुए मामले पर 10 जुलाई के लिए अगली सुनवाई तय की है। एक्ट के मुताबिक प्रत्येक स्कूल को अपने राज्य के शिक्षा विभाग के पास रजिस्टर्ड होना चाहिए। नियमों के मुताबिक स्कूल को इसके लिए शिक्षा विभाग के सामने स्वयं घोषणा करनी होगी कि वे इन नियमों का पालन कर रहे हैं। स्कूल यदि इन नियमों का पालन नहीं करते तो शिक्षा विभाग स्कूल की मान्यता को खारिज करने की कार्रवाई कर सकता है। दो स्वयं सेवी संस्थाओं एंटी करप्शन एंड क्राइम इंवेस्टीगेशन सेल व आल इंडिया क्राइम प्रिवेंटिंग सोसायटी के साथ मलेरकोटला के 10 स्कूली छात्रों की तरफ से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं में कहा गया है कि स्कूल बिना सोचे समझे अपने मन मुताबिक फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं जिस पर रोक लगाई जाए। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया कि प्रत्येक स्कूल अपना अकाउंट बरकरार रखेगा और नॉन बिजनेस संस्थान के सिद्धांतों पर काम करेगा।यही नहीं स्कूल स्टेशनरी व स्कूल ड्रेस भी एक खास दुकान से ही खरीदने पर विवश कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि कोई भी स्कूल संबद्धता देने वाले बोर्ड की सहमति के बिना स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं करेगा।