अजमेर. पंचायत राज संस्था में होने वाली कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती परीक्षा में प्री यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट (पीयूसी) उत्तीर्ण अयोग्य रहेंगे। कारण, राजस्थान मा. शिक्षा बोर्ड ने पीयूसी को 12 वीं कक्षा के समकक्ष नहीं माना है। इस संबंध में बोर्ड ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग को भी अवगत करा दिया है।
पीयूसी परीक्षा के आधार पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती परीक्षा में बैठने का सपना संजोए बैठे अभ्यर्थियों को बोर्ड के इस जवाब से निराशा होगी। पंचायत राज विभाग ने बोर्ड को एक पत्र भेज कर तथ्य मांगे थे कि 1975 या पूर्व से पीयूसी योग्यता में उत्तीर्ण अभ्यर्थी सीनियर सेकंडरी परीक्षा के समकक्ष हैं या नहीं।
पत्र बोर्ड को विभाग के अतिरिक्त आयुक्त ने भेजा था। मामला सीधी भर्ती परीक्षा से जुड़ा होने और अभ्यर्थियों के भविष्य के सवाल को देखते हुए बोर्ड ने भी इसे गंभीरता से लिया। सभी तथ्यों के बाद बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया कि पीयूसी परीक्षा 11वीं के समकक्ष है। इसे सीनियर सेकंडरी कक्षा के समकक्ष नहीं माना जा सकता।
इधर, कनिष्ठ लिपिक सीधी भर्ती परीक्षा में न्यूनतम योग्यता सीनियर सेकंडरी मांगी गई है। सूत्रों के मुताबिक पीयूसी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने भी स्वयं को 12वीं के समकक्ष बता कर आवेदन किए हैं। 1975 और इसके आसपास बोर्ड द्वारा सेकंडरी और हायर सेकंडरी परीक्षा आयोजित की जाती थी।
हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों के पास एक विकल्प यह भी था कि वे कॉलेज में पीयूसी अर्थात प्री यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट के नाम से कॉलेज में पढ़ सकते हैं। लेकिन यह कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी उन्हें ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष में ही प्रवेश मिलता था।
ऐसे ही हायर सेकंडरी परीक्षा उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को भी ग्रेजुएशन के प्रथम वर्ष में ही एडमिशन मिलता था। यही वजह है कि पीयूसी को भी 11वीं कक्षा के समकक्ष ही माना जाता है।
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