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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असमंजस, सब्सिडी के लिए आधार कार्ड जरूरी है या नहीं!

10 वर्ष पहले
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अजमेर. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जिलेभर में गैस एजेंसी संचालक उपभोक्ताओं से गैस सब्सिडी के लिए आधार कार्ड की फोटो कॉपी मांग रहे हैं, जबकि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैस सब्सिडी के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। जिले में करीब साढ़े तीन लाख गैस उपभोक्ता हैं, इनमें से करीब आधी संख्या में भी आधार कार्ड नहीं बन सके हैं। अब भी बड़ी संख्या में लोग आधार कार्ड का इंतजार कर रहे हैं।

आधार पाने की प्रक्रिया में कम से कम एक माह का समय लगता है। इधर जिला रसद विभाग के पास इस तरह का कोई सरक्यूलर अब तक नहीं आया, जिसमें गैस सब्सिडी के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई हो, ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिले में अजमेर शहर, किशनगढ़, ब्यावर, केकड़ी, सरवाड़, पुष्कर, अरांई, पीसांगन सहित अन्य क्षेत्रों में कुल 38 गैस एजेंसियां हैं। इनमें लगभग 3.50 लाख गैस उपभोक्ता हैं।

1 अक्टूबर से एलपीजी कैश सब्सिडी देना शुरु किया जाना है, लेकिन अब तक कई उपभोक्ताओं के आधार कार्ड ही बनकर तैयार नहीं हो सके। आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया में समय लगने के कारण उपभोक्ता परेशानी में हैं। इधर गैस एजेंसी संचालक एलपीजी गैस कैश सब्सिडी के लिए अनिवार्य रूप से आधार कार्ड की फोटो कॉपी जमा कराने के लिए कह रहे हैं। जबकि सु्प्रीम कोर्ट ने गैस सब्सिडी के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।

उपभोक्ताओं ने बताया कि जब वे गैस एजेंसी संचालकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में बता रहे हैं तो जबाव मिल रहा है कि हमारे पास ऐसा कोई सरक्यूलर नहीं आया। जिला कलेक्ट्रेट में इबैठक का आयोजन भी किया गया था। जिसमें गैस एजेंसी संचालकों को फिलहाल आधार कार्ड लेने के लिए कहा गया था।

सुप्रीम कोर्ट का यह है आदेश : सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने पिछले दिनों यह जानकारी दी थी कि आधार कार्ड बनाना अनिवार्य नहीं है। यह लोगों की इच्छा पर निर्भर है। यहां तक की आवश्यक सेवाओं जैसे एलपीजी कनेक्शन, टेलीफोन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होने की बजाय ऐच्छिक ही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड किसी भी बेनेफिट्स का आधार नहीं बन सकता। इसे किसी भी तरह से बेनेफिट्स के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। जस्टिस वीएस चौहान और एसए बोबड़े की बेंच ने यह अंतरिम आदेश कर्नाटक हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज केएस पुत्तस्वामी की जनहित याचिका पर सुनाया था।

हमारे पास फिलहाल ऐसा कोई सरक्यूलर नहीं आया है। इस संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश लिए जाएंगे।
-सुनीता डागा, डीएसओ, अजमेर शहर