जयपुर. दहेज नहीं लेने के संबंध में सरकार ने सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के 11 जुलाई 12 को जारी आदेश की प्रति गुरुवार को अदालत में पेश की। इसमें कहा कि राजस्थान दहेज प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत प्रावधान है कि सरकारी सेवक अपने विवाह के बाद यह कहते हुए अपने विभागाध्यक्ष के समक्ष घोषणा करेगा कि उसने कोई दहेज नहीं लिया है। इस घोषणा पर उसकी पत्नी, ससुर व पिता के हस्ताक्षर होंगे। इस आदेश की प्रति सभी विभागों को भेज दी है और नियमों का पालन करवाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की। गौरतलब है कि प्रार्थी अधिवक्ता एस.के.गुप्ता ने इस संबंध में प्रार्थना पत्र दायर किया था।
छात्र को यूनिवर्सिटी चुनाव लड़ने की अनुमति दी राजस्थान हाईकोर्ट ने एमएसडब्ल्यू विभाग के एक छात्र को यूनिवर्सिटी चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश एन.के. जैन की खंडपीठ ने यह आदेश संग्राम सिंह की याचिका निस्तारित करते हुए दिया। याचिका में कहा कि उनके अकादमिक सत्र देरी से चल रहा है और रिजल्ट भी लेट आया। यूनिवर्सिटी उन्हें मौजूदा सत्र में नहीं मान रही है। पिछली साल भी उन्हें नामांकन भरने व मतदान का अधिकार नहीं दिया था। इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।
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