जयपुर.राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की बदहाल स्थिति सुधारने और जमीनी हकीकत जानने के लिए स्कूली बच्चों की औचक परीक्षा (सरप्राइज एक्जाम) होगी। शिक्षाधिकारियों का दल पहले से तैयार पेपर लेकर किसी भी वक्त स्कूल में परीक्षा लेने पहुंच जाएगा। इस परीक्षा के मार्फत न केवल बच्चों के स्तर का पता लगाया जाएगा, बल्कि संबंधित शिक्षक का भी मूल्यांकन मौके पर ही हो जाएगा।
शिक्षा विभाग मौजूदा शिक्षा सत्र में तीन चरणों में यह प्रयोग करने के बाद प्रदेश की प्रारंभिक शिक्षा नीति का नए सिरे से खांका तैयार करेगा। पहले चरण में शिक्षाधिकारियों के साथ कलेक्टर भी स्कूलों में बच्चों की परीक्षा लेते नजर आएंगे। सर्वशिक्षा अभियान के तहत पहले चरण में राज्य की करीब 6 हजार स्कूलों को इस दायरे में लिया गया है।
इस माह 12 से 14 सितंबर तक चलने वाले पहले चरण में करीब ढाई हजार शिक्षाधिकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर की जांच करेंगे। इस चरण में तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की आकस्मिक परीक्षा ली जाएगी। अधिकारी यह जानने का प्रयास करेंगे कि बच्चा किस स्तर पर कमजोर है और इसके लिए जिम्मेदार कारण क्या हैं? अगला चरण अर्धवार्षिक परीक्षाओं से ठीक पहले दिसंबर में और अंतिम चरण मार्च में होगा। पहले चरण के लिए विभाग ने विभिन्न कक्षाओं की प्रश्न पुस्तिका प्रकाशन का काम शुरू कर दिया है।
इनका कहना है 'विभाग सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर से बेहतर बनाना चाहता है। इसके लिए एक के बाद एक नवाचार किए जा रहे हैं। वे खुद भी स्कूलों में अधिकारियों के साथ रहेंगे।'
बृजकिशोर शर्मा, शिक्षामंत्री 'प्रदेशभर में स्कूली बच्चों का स्तर जांचने और उसमें सुधार के लिए विभाग ने बड़ी योजना हाथ में ली है। इसमें विभिन्न चरणों में ज्यादा से ज्यादा स्कूलों को कवर किया जाएगा।' -भास्कर ए. सावंत, आयुक्त, एसएसए
प्रार्थना से पहले पहुंचेंगे, बच्चे जाने के बाद लौटेंगे हकीकत के हर पहलू से रूबरू होने के लिए शिक्षाधिकारी दिनभर संबंधित स्कूल में जमे रहेंगे। वे प्रार्थना से पहले पहुंचकर स्कूल में बच्चों-शिक्षकों के आने के तौर-तरीकों, हाजिरी आदि की जांच करेंगे। कक्षाएं शुरू होते ही किसी भी बच्चे की कॉपी, बैग, होमवर्क देखेंगे। बच्चों की पहले से तैयार पेपर से परीक्षा लेंगे। बच्चों का व्यवहार, उनका कांफिडेंस, बोलने के तरीके, हाव-भाव पर भी उनकी नजर रहेगी। बच्चों से उनकी खुली चर्चा होगी। अधिकारियों की टीम बच्चों के जाने के बाद स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों से भी राय-मशविरा करेगी।
तैयार होगा ट्रेनिंग पैकेज तीन चरणों के बाद प्रदेशभर के स्कूलों से जुटाए गए फीडबैक के आधार पर अगले शिक्षा सत्र के लिए ट्रेनिंग पैकेज तैयार होगा। इसमें यह फोकस किया जाएगा कि स्कूलों में बच्चों का स्तर सुधारने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाएं। बच्चों से मिले फीडबैक और रिजल्ट के आधार पर कड़ी मेहनत करने वाले शिक्षकों का प्रदेश स्तर पर ब्यौरा भी तैयार होगा।
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