स्तर पर पिछले पांच दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया है।वहीं,नहर,नाले,तालाब, चौर सभी जलप्लावित हैं। कहीं कोई मेड़ नहीं दिख रहा।जहां तक नजरें जाती है पानी ही पानी नजर आ रहा है।वहीं, नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में हुयी भारी बारिश के कारण प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली अधवारा समूह की नदियां धौंस, यमुनी, रातो उफान पर है। इन नदियों का दोनों किनारा लबालब भरा हुआ है। लगातार बारिश जारी रही तो कभी इन नदियों में आयी बाढ़ प्रखंड वासियों के लिए प्रलयंकारी साबित हो सकती है।कहीं कहीं बाढ़ का पानी नाले के सहारे निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इन नदियों के किनारे बसे गांव के लोग नदी की वर्तमान भयावह स्थित और पूर्व में आती रही बाढ़ को याद कर सिहर उठते हैं। बाढ़ पूर्व प्रशासनिक तैयारी शून्य रहने की वजह से प्रखंड की डेढ़ लाख आबादी जान माल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित और भयभीत हैं। 2016 में आयी प्रलयंकारी बाढ़ में ध्वस्त तटबंधों की मरम्मत दो साल बाद भी नहीं हो पाने के कारण प्रायः सभी सड़कें असुरक्षित है। किसी टूटे तटबंध या रास्तों पर अबतक आपदा प्रबंधन या बाढ़ प्रमंडल द्वारा एक टोकड़ी मिट्टी नहीं डाली गई है। जिसके कारण दर्जन भर गांव के लोग देर शाम तक बाढ़ आने की आशंका को लेकर सहमे हुए हैं।
मधवापुर में लबालब भरी धौस नदी।