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सिरदला के जंगल में सर्च ऑपरेशन, मिली एके-47 और ब्रिटिश जमाने की रायफल
सिटी रिपोर्टर | रजौली /सिरदला
गुजरात से गिरफ्तार नक्सली उत्तम जी की निशानदेही पर नवादा-गया बॉर्डर के जंगली हिस्सों में छापेमारी की गई, जहां से पुराने ब्रिटिश राइफल तथा एक एके-47 बरामद की गई है। एसटीएफ, गुरपा बटालियन तथा नवादा और गया पुलिस की ओर से चलाए गए ज्वाइंट ऑपरेशन में पुलिस ने सफलता हासिल की है। नवादा एसपी अभियान कुमार आलोक ने हथियार मिलने की पुष्टि की है। गुरुवार की देर रात तक सर्च ऑपरेशन जारी था। हथियार सिरदला के उसी थमरकोल जंगल से बरामद हुए है जहां मार्च 2016 में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए थे। गिरफ्तार बड़े नक्सली उत्तम ने पूछताछ में कुछ इनपुट दिए थे। इसी इनपुट के आधार पर सिरदला और फतेहपुर के सीमावर्ती जंगलों में छापेमारी की गई। सुरक्षाबलों और पुलिस की टीमों ने जंगलों की नाकेबंदी कर कार्रवाई की और हथियार बरामद किया।
लगातार मिल रही नक्सली गतिविधियों की जानकारी
बताते चलें कि पिछले कुछ महीनों से रजौली और सिरदला के जंगलों में लगातार नक्सली गतिविधियां बढ़ी हुई है। बीते दिनों पुलिस और नक्सली दोनों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग हुई थी । इसमें एक नक्सली को गोली भी लगने की सूचना मिली थी ।लेकिन नक्सली अपने घायल साथी को भागने में सफल हो गए थे।
खरौंध रेलवे स्टेशन उड़ाने के आरोपी हार्डकोर नक्सली रविंद्र यादव का छलका दर्द
इधर, नक्सली बोला-विवाद के निपटारे के लिए माओवादियों के संपर्क में गया, पर ऐसा फंसा कि जिंदगी ही नरक हो गई
अशोक प्रियदर्शी | नवादा
‘पड़ोसी से जमीन को लेकर विवाद था। जिस आदमी के साथ विवाद था वह काफी प्रभावशाली था। पैसे और प्रभाव के कारण न्याय नहीं मिल रहा था। किसी मददगार की तलाश थी। तब परिचित के जरिए माओवादियों से मदद लिया। माओवादियों से मदद मिली। लेकिन यह मदद उनकी जिंदगी के लिए नरक बन गई।’
यह कहानी है जहानाबाद के पारसविगहा के कजियाना निवासी हार्डकोर माओवादी रविंद्र यादव उर्फ डाक्टर की, जिसे मंगलवार को एसटीएफ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रविंद्र यादव ने पुलिस पूछताछ में यह कहानी बताई है। छोटन यादव के 40 वर्षीय पुत्र रविंद्र यादव ने बताया कि वह ग्रामीण डॉक्टर था। लेकिन एक विवाद के कारण माओवादियों के संपर्क में आया था। रविंद्र यादव ने बताया कि पल भर की मदद उसके जिंदगी भर का जंजाल बन गई। रविंद्र ने बताया कि उसने माओवादियों से नाता तोड़ने की कई बार कोशिश भी की लेकिन मौका नहीं मिला। वह जेल भी गया। जेल से रिहाई के बाद साधारण जिंदगी जीने की कोशिश की। लेकिन उन्हें दस्ता ने ऐसा मौका नहीं दिया। उनपर और साथियों को जोड़ने का दबाव बनाया गया। तीन साथी बनाया तब थोड़ी राहत मिली। लेकिन उसके बाद गिरफ्तार ही कर लिया गया।
जंगल में उनका होता था रहना सहना
रविंद्र यादव ने बताया कि रजौली के जंगली गावों सुअरलेटी, भानेखाप जैसे गांवों में घूमघूमकर गुजारा करते थे। न ही खाने का ठिकाना रहा और न ही पानी का ठिकाना। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रविंद्र ने कहा कि हार्डकोर माओवादी लीडर प्रदुम्न शर्मा रजौली और आसपास के जंगलों में संगठन विस्तार के लिए घूमता रहा है। उनके साथ छह-आठ सदस्य भी नियमित रूप से रहते हैं। उनका काम लीडर के आदेश का पालन करना है।
पुलिस की गिरफ्त में नक्सली रविंद्र यादव(सफेद शर्ट में)।
कोडरमा में गिरफ्तार हुआ रविंद्र खरौंध रेलवे स्टेशन उड़ाने का रहा है आरोपी
कोडरमा में गिरफ्तार हार्डकोर माओवादी रविंद्र यादव 3 नवंबर 2016 को लेवी की मांग को लेकर सिरदला के ठेकाही मोड़ के समीप निर्माणाधीन खरौंध रेलवे स्टेशन उड़ाने का आरोपी है। सिरदला थाना कांड संख्या 264/16 में 63 माओवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में रविंद्र यादव भी आरोपी रहा है। माओवादियों ने विनोद कंस्ट्रक्शन कंपनी से लेवी की मांग की थी। इसकी भरपाई नहीं किए जाने के कारण हमला किया गया था।
नवादा के एएसपी अभियान आलोक कुमार ने कहा कि रविंद्र यादव हार्डकोर माओवादी रहा है। रविंद्र यादव ने कई चौंकानेवाली बात बताई है। लेकिन यह पुलिस जांच का हिस्सा है। रविंद्र ने यह कहा कि माओवादियों से मदद लेना उनकी सबसे बड़ी भूल थी।