टीईटी पास शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराने में विभाग फेल

5 वर्ष पहले
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जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूल में बहाल टीईटी पास शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं हो सका। यहां तक कि सत्यापन के लिए बीईओ ने आवश्यक जानकारी भी नहीं दी है। इससे सत्यापन का कार्य नहीं हो रहा है। जबकि विभाग ने चार माह पहले ही जानकारी मांगी है। पहले तो मूल टीईटी के मूल प्रमाण पत्र को ही जमा करने का निर्देश दिया गया था। ताकि उस प्रमाण पत्र की जांच की जा सके। उस समय प्रमाण पत्र देने वालों की संख्या कम थी। बाद में विभाग ने नाम, पिता का नाम, माता का नाम, आधार कार्ड संख्या, पता, टीईटी प्रमाण पत्र में दिए गए पता, मैट्रिक प्रमाण पत्र से संबंधित जुड़ी जानकारी, एडमिट कार्ड संख्या, अंक पत्र संख्या समेत कई तरह की जानकारी मांगी गई है। इस हालत में बीईओ ने सह हवाला दिया था कि प्रमाण पत्र जमा होने की वजह से इस तरह की जानकारी देना संभव नहीं है। इसलिए एक माह पहले टीईटी प्रमाण पत्र को स्थापना शाखा से बीईओ को वापस कर दिया गया। लेकिन अभी तक विभाग द्वारा जारी प्रपत्र के आधार पर किसी भी बीईओ ने जानकारी नहीं दी है। इससे टीईटी प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा का खुलासा नहीं हो रहा है। जबकि विभाग को संभावना है कि एक टीईटी प्रमाण पत्र के आधार पर कई शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। इस तरह का खुलासा दूसरे जिले में हो चुका है। विभागीय सूत्रों का मानना है कि इस जिले में भी इस तरह के दर्जनों शिक्षक है, जो दूसरे के प्रमाण पत्र या जाली टीईटी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे है। यही वजह है कि ऐसे शिक्षक बीईओ को भी जानकारी नहीं दे रहे है। इससे बीईओ को अपनी रिपोर्ट भेजने में कठिनाई झेलनी पड़ रही है।