मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अश्वारोही सैन्य बल का हमेशा महत्व रहेगा। राज्य में इसका विस्तार किया जाएगा। सरकार इसके लिए हर सहयोग और धनराशि देगी। नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है। अपराध का कोई भी अनुसंधान करने के लिए पुलिस का ख्याल हो गया है कि यह नई टेक्नोलॉजी के सहारे हो। इसके बावजूद मैं हमेशा कहता हूं कि पुराने तरीकों का भी इस्तेमाल करिए। उनको कायम रखिए। उसकी भी जरूरत है। सबकी अलग-अलग भूमिका होती है। मुख्यमंत्री गुरुवार को आरा शहर में थे। वे अश्वारोही सैन्य बल, आरा के स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा- कितनी भी टेक्नोलॉजी आ जाएं, अश्वारोही सैन्य बल हमेशा जरूरत पड़ती रहेगी। इसकी संख्या में वृद्धि करिए। जगह-जगह इसका डेमोंस्ट्रेशन कराइए। वर्ष 1919 के अक्टूबर माह में वीर कुंवर सिंह की इसी धरती पर इसका गठन हुआ था। स्थापना से लेकर अब तक कानून व्यवस्था में इसकी भूमिका रही है। हमने तीस साल पहले अपने संसदीय क्षेत्र बाढ़-मोकामा के टाल दियारा क्षेत्र इसकी उपयोगिता देखी है। समारोह में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अामिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, पुलिस भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक एसके सिंघल, मुख्यमंत्री के सचिव सचिव मनीष वर्मा, डीजीपी ट्रेनिंग आलोक राज, निजी सचिव दिनेश, डीएम रोशन कुशवाहा समेत कई लोग मौजूद थे।
पटना, शुक्रवार, 22 नवंबर, 2019
राज्य में अपराध का बड़ा कारण भूमि और संपत्ति से जुड़ा विवाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में किस जिले के किस थाने में किस-किस प्रकार का अपराध हो रहा है, इसका विश्लेषण सरकार ने करा लिया है। 2 साल से काम चल रहा था। हमने 2007 में नया पुलिस एक्ट बनाया। अब 90 से 95% थाना में व्यवस्था और अनुसंधान की अलग-अलग जिम्मेवारी बांट दी गई है। इसका सबसे बड़ा अच्छा नतीजा निकलेगा कि अनुसंधान तेजी से होगा, विधि-व्यवस्था अच्छी रहेगी। थाना स्तर से प्राप्त विश्लेषण के आधार पर स्पष्ट हो गया है कि राज्य में अधिकांश विवाद में संपत्ति और भूमि विवाद की भूमिका है।
शताब्दी समारोह में अश्व की प्रतिमा का अनावरण करते मुख्यमंत्री।
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