बक्सर/डुमरांव. डुमरांव प्रखंड के कोरानसराय पंचायत में पिछले 48 घंटे एक ही परिवार की दो बच्चों की मौत हो गई है। तंगी के कारण दोनों भाई-बहन मुन्नी और गोविंदा की मौत हो गई है। परिवार की माली हालत बेहद खराब है। दाने-दाने को मोहताज इस महादलित परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य को सड़क जाम करने के आरोप में पुलिस ने डेढ़ महीने पहले जेल भेज दिया है।
घर में उसकी पत्नी, बूढ़ी मां और तीन बच्चों को किसी तरह पाल रही थी, लेकिन भोजन नहीं मिलने व इलाज नहीं होने के कारण इनमें से दो असमय ही काल के गाल में समा गए। वहीं तीसरा बच्चा भी बेहद कमजोर व बीमार पड़ा हुआ है। दिल दहला देने वाली इस घटना के बावजूद ना तो अबतक प्रशासन ने कोई व्यवस्था की और ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पहल नहीं की जा रही है।
बीते 2 मई को सड़क दुघर्टना में मुसहर परिवार के एक मासूम की मौत हो गई थी। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने वाहनों में आग लगा बवाल व सड़क जाम किया था। मामले में 24 लोगों को पुलिस ने आरोपित किया था। जिसमें शिव कुमार मुसहर का भी नाम भी शामिल था। पुलिस ने डेढ़ माह पहले गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था। तब से घर में कमाने वाला कोई नहीं था।
हमार आखिरी चिराग अर्जुन के बचा लीं साहब
शिवकुमार की पत्नी धाना देवी दो बच्चों की मौत के बदहवास पड़ी है। आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई बार पूछने के बाद लड़खड़ाते आवाज में बताई कि साहब हमरा आखिरी संतान अर्जुन के बचा ली। घर में कुछ नहीं है। मुन्नी व गोविंदा की मौत खाना व दवा नहीं मिलने तथा भूख के कारण हो गई। घर में एक दाना नहीं है कि बूढ़ी सास व आखिरी बेटे को कुछ खिला सके।
कपड़ा नहीं है जिससे इनका तन ढंक सके। उसने बताया कि पहले 31 अगस्त को पांच वर्षीय पुत्र को गोविंदा की मौत हुई थी। एक सितंबर को 2 वर्षीय बेटी मुन्नी की मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है। परिवार में धाना, उसकी बूढ़ी सास व छह वर्ष का एक पुत्र अर्जुन बचा है। उसका कहना है कि दो बच्चों की मौत से अधिक चिंता बाकी बचे सदस्यों को भरपेट भोजन की है।
आधार कार्ड लिंक नहीं होने से आठ माह से नहीं मिला राशन
शिव कुमार मुसहर अपने परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था, परंतु अब वह लगभग डेढ़ माह से जेल में है। परिवार में कोई कमाई का रास्ता नहीं बचा है। उसकी पत्नी धाना देवी ने बताया कि आधार कार्ड नहीं बनने के कारण पिछले आठ माह से जन वितरण प्रणाली की दुकान से राशन भी नहीं मिल रहा है। पहले तो पड़ोसियों ने मदद की परंतु तो सभी लगभग एक ही हालात में हैं। इसलिए कुछ समय के बाद मदद देना बंद कर दिया। इस कारण कई दिनों तक घर में चूल्हे नहीं जले। जिसका परिणाम है कि एक बेटे तथा एक बेटी की मौत दो दिन के अंतराल में हो गई।
भूख से बिलबिला रहा परिवार
शिव कुमार मुसहर के घर दो दिन के अंतराल पर हुई दो मासूमों की मौत का गम भी भूख के आगे कम हो गया है। पीड़ित परिवार को अब इस बात की चिंता सताने लगी है कि जो सदस्य जिंदा बचे हैं उन्हें कैसे बचाया जाए। सोमवार को शिवकुमारी की पत्नी धाना ने बताया कि सुबह से उनके घर अन्न का एक दाना भी नहीं पका है। पिछले कई दिनों से उसके घर के चूल्हें ठंडे पड़े हैं। कही से कुछ मिल गया तो काम चल गया। नहीं तो पूरा परिवार भूखे सोने को विवश है।
चंदा से पैसा इकट्ठा कर कोर्ट जाने वाली थी धाना
सोमवार को मामले की जानकारी के बाद दैनिक भास्कर की टीम कोरानसराय मुसहर टोली पहुंची तो वहां पीड़ित परिवार के पड़ोसी मुखिया मुसहर, सवरू मुसहर ने बताया कि शिवकुमार ही परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन उनके जेल चले जाने के बाद परिवार के समक्ष दो वक्त की रोटी पर संकट आ गया है।
चंदा इकट्ठा कर के बेचारी 31 अगस्त को कोर्ट में अर्जी देने जानेवाली थी तभी बड़े बेटे गोविंदा की मौत हो गई। अभी वह गहरे झटके से उबर भी नहीं पाई थी कि अगली सुबह दो साल की बेटी ने भी गोद में ही दम तोड़ दिया। जितेन्द्र मुसहर ने बताया कि वह परिवार समेत करीब डेढ़ सौ घर वाले महादलित बस्ती में रहते हैं। परंतु 15-20 घरों को छोड़ कर राशन-केरोसिन किसी को नहीं मिलता।
बस्ती के लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। जिससे वे सरकारी सुविधाओं से महरूम हो रहे हैं। इस घटना के बाद महादलित बस्ती के लोगों में शासन- प्रशासन के खिलाफ गहरा आक्रोश है। लोगों ने कहा जिला प्रशासन को उन लोगों की चिंता नहीं है। लोग परेशान हैं और प्रशासन बेफिक्र है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.