संगीत अपनेआप में दुनिया है और भारतीय क्लासिकल संगीत पूरे दुनिया के संगीत की आत्मा है। जरूरत है कि हम इसे सहेजकर आने वाली युवा पीढ़ी को दें। सरकार को इस दिशा में बेहतर पहल करने की जरूरत है। स्पीक मैके की तरफ से एक कार्यक्रम में पूर्णिया पहुंचे देश के ख्याति प्राप्त वायलिन वादक उस्ताद जौहर अली ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत के दौरान मौजूदा दौर में क्लासिकल संगीत पर विशेष चर्चा की। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी संगीत ही एक ऐसी चीज है, जो हमारी जड़ों को मजबूत करती है। हरेक राज्य का अपना एक संगीत होता है, जो उस राज्य की पहचान होती है।
संगीत ईश्वर की अनमोल देन सूफियों ने इसे संवारा
सृष्टि में जो भी मौजूद है वह ईश्वर की देन है और संगीत सबसे अनमोल है। सूफियों ने इंडियन क्लासिकल संगीत को संवारने का काम किया है। चाहे गुरुनानक हो या अमीर खुसरो सबने संगीत को समृद्ध किया है। संगीत धर्मों को जोड़ने का काम करता है।
युवा को जो देंगे, वही सीखेगा
युवा एक कच्चे मिट्टी की तरह होता है। हम उसे जो देंगे वही सीखेगा। अगर हम बेहतर संगीत देने तो वह उसी की डिमांड करेगा। ऐसे में कलाकारों की जिम्मेवारी बढ़ जाती है।
बिहार के लोग अश्लीलता का करें विरोध
बिहार में लोक-कला और लोकसंगीत की परंपरा काफी समृद्ध है। इसे सहेजने की जरूरत है। आज यहां खासकर भोजपुरी गानों में अश्लीलता आ गई है। अश्लील गानों की बाढ़ आ गई है। बिहार के लोगों को अपनी संस्कृति को बचाने के लिए विरोध करना चाहिए।
स्कूल कॉलेजों में माहौल बनाने की जरूरत
वर्तमान समय में वायलिन वादन और क्लासिकल संगीत को लेकर विदेश के युवाओं में ज्यादा क्रेज है। जापान, कोरिया के कई स्कूलों में इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीखना अनिवार्य है। हमारे यहां उस तरह का माहौल नहीं है। स्कूल-कॉलेजों में इस दिशा में माहौल बनाने की जरूरत है, तभी हम अपने धरोहर को सहेज सकते हैं।
रघुपति राजाराम की धुन पर गूंजा हॉल
पूर्णिया |वीवीआईटी और वीआरएएस परिसर वायलिन की धुन से गुंजायमान रहा। मौका था स्पीक मैके द्वारा आयोजित कंसर्ट का। मंगलवार की शाम वीवीआईटी में कार्यक्रम की प्रस्तुति दी रहे विख्यात वायलन वादक उस्ताद जौहर अली ने राग मधुवंती, फोक, क्लासिकल, समेत अन्य धुनों पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान उनके साथ तबला पर संगत दे रहे थे पंडित पृथ्वी राज मिश्रा। रघुपति राघव राजा राम की धुन बजानी शुरू की, पूरा परिसर तालियों की आवाज से गूंज उठा। स्पीक मैके के पूर्णिया चैप्टर के सचिव स्वरूप दास, प्रो. शंभु लाल वर्मा, मौजूद थे।
वीवीआईटी में कार्यक्रम प्रस्तुत करते उस्ताद जौहर अली