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फॉल आर्मी वर्म कीड़ा दक्षिण अफ्रीका के बाद सूबे के बेगूसराय, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर में दिखा

4 वर्ष पहले
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दक्षिण अफ्रीका के किसानों के खेतों में लगे विभिन्न फसलों को चाटकर बर्बाद कर देने वाला फॉल आर्मी वर्म कीड़ा कर्नाटक और बिहार के बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर जिले में भी देखा गया हैं। इस कीट के रोकथाम व प्रबंधन को लेकर आईसीएआर के वरीय कृषि वैज्ञानिकों ने एक एडवाइजरी जारी कर कृषि विवि पूसा समेत अन्य कृषि संस्थानों को भी इस मामले से अवगत कराया है। इस खबर को पहले भी दैनिक भास्कर ने प्रमुखता 18 दिसंबर 2018 के अंक में प्रकाशित किया था। कर्नाटक, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में इस कीट के मिलने के बाद से इसके रोकथाम और नियंत्रण को लेकर कृषि विवि पूसा के कुलपति डॉ.आरसी श्रीवास्तव के दिशा-निर्देश पर विवि के 30 वरीय कृषि वैज्ञानिकों से जुड़े एक टीम का गठन किया गया हैं। वैज्ञानिक विवि के निदेशक अनुसंधान डॉ. मिथिलेश कुमार के नेतृत्व में इन 3 जिलों के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर इस कीट से संबंधित जानकारी को प्राप्त करेंगे तथा इससे निपटने के उपायों के बारे में बताएंगे। क्षेत्र के किसान भी इस कीट को देखने के बाद संबंधित जानकारी विवि के द्वारा जारी किए हेल्पलाइन नंबर 9334997626 पर कॉल करके दे सकते हैं। इस कीट के रोकथाम व उपचार को लेकर आगामी 17 सितंबर को विवि में इस टीम से जुड़े वैज्ञानिकों के विशेष कमिटी की एक बैठक भी आयोजित हाेगी।

पत्ता, जड़ अाैर तना काे पहुंचाता है नुकसान : कृषि विवि पूसा द्वारा बनाई गई कमेटी से जुड़े वैज्ञानिकों की मानें तो यह कीट एक बहुभोजी कीट है जो मक्का, ज्वार, धान, गेहूं, गन्ना, सूर्यमुखी, साग वाली विभिन्न फसलों, गोभी, आलू, चारा वाली फसलों के अलावे लगभग 80 तरह के फसलों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। यह कीट फसलों के पत्तों, जड़ों एवं तना को काफी नुकसान पहुंचाकर पौधे को क्षतिग्रस्त कर देता है। कृषि वैज्ञानिकों ने इस कीट की पहचान के लिए किसानों कोजानकारी देते हुए बताया कि इस कीट का रंग बेहद धूसर व मटमैला होता है। कर क्षतिग्रस्त कर देता हैं।कुलपति ने बताया कि इस कीट की रोकथाम प्रारंभिक अवस्था में ही संभव है।

फॉल आर्मी वर्म कीट।

फॉल आर्मी वर्म कीट के अंडे।