जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में बिजली विभाग का मनमानी जारी है। बिना रीडिंग देखे बिजली बिल बनाया जाता है। उपभोक्ता विभाग से शिकायत करते है और विभाग शिकायत को अनसुना कर मामले से अपना पल्ला झाड़ लेते है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बिजली उपभोक्ता एसडीओ, कार्यपालक अभियंता एवं डीएम सेे मिलकर अपने घर और दुकान का प्रति माह रीडिंग करवाने तथा उसके अनुसार सही बिल बनाकर भेजने की मांग करते आ रहे है। लेकिन न तो बिजली विभाग के अधिकारी और न ही जिला प्रशासन उपभोक्ताओं की बात पर ध्यान दे रहा है।
बंद मीटर और बिजली बिल दिखाते उपभाेक्ता।
बिजली कनेक्शन पुनः चालू करने पर भारी जुर्माना वसूलते हैं
नगर क्षेत्र के वार्ड 8 निवासी विकास कुमार, तरियानी प्रखंड के दुम्मा गांव निवासी बबलू कुमार एवं कमल साह ने कहा कि विभाग जिले में मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से करता है। ठेका माध्यम से मीटर रीडिंग व बिल वितरण का काम कराया जाता है। बिजली बिल में गड़बड़ी का मुख्य कारण हर महीने मीटर रीडिंग नहीं होना है।
उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा अधिक बिल : विभागीय मॉनिटरिंग के अभाव में इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भोगना पड़ता है। विभाग के अधिकारी शिकायत सुनकर बिल सुधारने का केवल आश्वासन देते है और सुधार होने के पहले ही बिजली का कनेक्शन काट देते है। बिजली का कनेक्शन पुनः चालू करने पर भी भारी जुर्माना वसूल करते है। परिणाम स्वरूप 400 से 500 रुपये तक के बिल का भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को इस माह 1200 से 1500 रुपया का बिल भेजा गया है।