(फाइल फोटो : ओम पुरी)
मुंबई. कॉमेडी का तड़का हो या फिर मारधाड़ का मसाला ओम पुरी हर किरदार में फिट बैठ जाते हैं। उन्हें मेन स्ट्रीम इंडियन सिनेमा के साथ-साथ आर्ट फिल्मों के लिए भी जाना जाता है।अमेरिकन फिल्मों में भी उनका योगदान देखा जा सकता है।
पद्मभूषण से सम्मानित हो चुके ओमपुरी 64 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 18 अक्टूबर 1948 को अंबाला, हरियाणा में हुआ था। ओम पुरी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत मराठी नाटक पर आधारित फिल्म 'घासीराम कोतवाल' से की थी।
यदि ओमपुरी की मानें तो फिल्म में उनके अच्छे काम के लिए उन्हें मूंगफली का भुगतान किया गया था। ओमपुरी ने अपने करियर में कई सुपरहिट फ़िल्में दी हैं। जहां फिल्मों में उन्हें एक्टिंग के लिए जाना जाता है, वहीं उनके कुछ डायलॉग भी काफी लोकप्रिय हुए है।
यदि ओमपुरी की मानें तो फिल्म में उनके अच्छे काम के लिए उन्हें मूंगफली का भुगतान किया गया था। ओमपुरी ने अपने करियर में कई सुपरहिट फ़िल्में दी हैं। जहां फिल्मों में उन्हें एक्टिंग के लिए जाना जाता है, वहीं उनके कुछ डायलॉग भी काफी लोकप्रिय हुए है।
फिल्म : आवारा पागल दीवाना
रिलीज का साल : 2002
डायलॉग नं.1
'हीरा...क्या गाय थी गांव में...10 लीटर दूध देती थी,,,जब ठुमक-ठुमक कर चलती थी तो सारे गांव के बैल उस पर मरते थे...उसका स्मारक बनाना'
डायलॉग नं.2
'जैसे ही मैंने उसकी कनपटी पर यह गनपट्टी रखी...उसका चेहरा बिना दूध की चाय जैसा पड़ गया '
डायलॉग नं.3
'मरने से पहले मेरे बाल डाई कर देना, आई वांट टू डाई यंग'
डायलॉग नं.4
'अगर मैं मर गया, मैं तुझे जिंदा नहीं छोडूंगा'
ओमपुरी के जन्मदिन के अवसर पर आइये, हम आपको पढ़वाते हैं ओमपुरी के कुछ लाजबाव डायलॉग, देखें आगे की स्लाइड्स..