सुब्रमण्यम स्वामी से भिड़े जावेद अख्तर, लिखा- आपको हार्वर्ड से निकाला गया था, आप इसी लायक हैं

3 वर्ष पहले
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बॉलीवुड डेस्क.  जावेद अख्तर की मानें तो भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से निकाला गया था। उन्होंने स्वामी के साथ चल रहे ट्वीट वॉर में यह दावा किया। अख्तर ने लिखा है, "स्वामी के मंदबुद्धि प्रशंसक मुझपर कुछ मुल्लाओं को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। मेरी सलाह है कि पहले किसी को भी निष्पक्षता के साथ मेरे मैसेज पढ़ना चाहिए। खैर, मिस्टर स्वामी क्या कभी आपने मुझे डराने की कोशिश नहीं की? यह काम नहीं करेगा। मैं दोहरा रहा हूं कि आपको हार्वर्ड से निकाला गया था। अब जाइए और पतंग उड़ाइए।"

यह है पूरा मामला
दोनों हस्तियों के बीच झगड़ा 14 मार्च को तब शुरू हुआ, जब स्वामी ने ऑस्ट्रिया में 7 मस्जिदों को बंद किए जाने और 60 इमामों को निकाले जाने की खबर शेयर की। हालांकि, यह खबर जून 2018 की है। स्वामी ने लिंक शेयर करते हुए लिखा था, "ऑस्ट्रिया ने 7 मस्जिदों को बंद किया और 60 इमामों को बाहर निकाल दिया।" इस पर अख्तर ने जवाब दिया था, "ठीक वैसे ही, जैसे कि आपको हार्वर्ड से निकाला गया था। आप इसी लायक हैं और मैं इन इमामों को लेकर भी श्योर हूं। आप सभी एक ही डाल के पंछी हैं। आप सभी नफरत फैलाने के लिए पंख फैलाते हैं।"

अख्तर के जवाब पर स्वामी ने तो कुछ नहीं कहा। लेकिन उनके फैन इस बात का दबाव बनाते रहे कि उन्हें जवाब देना चाहिए। करीब 6 घंटे बाद स्वामी ने प्रतिक्रया देते हुए लिखा, "क्या मेरे पास ऐसे इंसान को जवाब देने का कोई भी कारण है, जो जेट एयरवेज में डी-गैंग के हितों का प्रतिनिधित्व करता है और इसके पतन को देखता है। किस योग्यता के आधार पर उन्हें जेट के बोर्ड में रखा गया था। जेट एतिहाद डील पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही मेरी जनहित याचिका (रिट पिटीशन नंबर 888/13) की सुनवाई के निष्कर्ष का इंतजार करें।"

2013 में स्वामी ने सवाल उठाया था, "जेट एयरवेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में जावेद अख्तर जैसे कॉलमिस्ट को शामिल करने का क्या मतलब? फाइनेंस के लिए शायरी पढ़ना।"

गौरतलब है कि अख्तर 22 मार्च 2010- 21 मार्च 2016 तक नॉमिनेटेड राज्यसभा सदस्य थे। इसी दौरान उन्हें जेट एयरवेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था। 2019 में दिवालिया होने के चलते इसे बंद कर दिया गया था। 

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