महाभारत में मुकेश खन्ना को ऑफर हुआ था दुर्योधन का रोल, वो अर्जुन या कर्ण बनना चाहते थे

4 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक
80 के दशक में मुकेश खन्ना भीष्म के किरदार के लिए तैयार होते हुए। - Dainik Bhaskar
80 के दशक में मुकेश खन्ना भीष्म के किरदार के लिए तैयार होते हुए।

बॉलीवुड डेस्क.  1988 के लोकप्रिय पौराणिक शो महाभारत में भीष्म पितामह की भूमिका के लिए फेमस मुकेश खन्ना 61 साल के हो गए हैं। जिस वक्त उन्होंने भीष्म का रोल किया था, तब उनकी उम्र सिर्फ 30 साल थी। लेकिन आज भी लोग उनके उस किरदार को याद करते हैं। क्या आप जानते हैं कि न तो बी. आर. चोपड़ा ने पहली बार में उन्हें भीष्म का रोल ऑफर किया था और न ही उन्होंने अपनी ओर से इसकी डिमांड की थी। 

1) ठुकरा दिया था दुर्योधन का किरदार

कास्टिंग डायरेक्टर गूफी पेंटल ने मुकेश को उनकी अच्छी ऊंचाई होने की वजह से दुर्योधन की भूमिका ऑफर की थी। लेकिन उन्होंने इसे करने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह बताते हुए मुकेश ने कहा था कि वो निगेटिव रोल नहीं करना चाहते थे। बाद में शो के को-डायरेक्टर रवि चोपड़ा ने उन्हें द्रोणाचार्य की भूमिका में लाने की प्लानिंग की। मुकेश ने ऑडिशन भी द्रोणाचार्य के लुक में दिया था। लेकिन उनकी रुचि अर्जुन या कर्ण का रोल करने में थी। 

बी. आर. चोपड़ा ने महाभारत के मेकिंग वीडियो में बताया था कि उन्होंने मुकेश को द्रोणाचार्य की भूमिका में लिया था। लेकिन बाद में उनका मन बदल गया। उन्होंने कहा था, "मैंने मुकेश से कहा मेकअप रूम में जाओ और भीष्म बनकर आ जाओ। जब वो आया तो मैं हैरान रह गया। उसे देखा, उसका टेस्ट लिया और लगा कि यह तो बहुत बढ़िया है। ऐसे मैंने उसे भीष्म के किरदार में लिया।"

मुकेश खन्ना ने मुंबई के सेंट जेबियर कॉलेज से पढाई की। वो प्लास्टिक इंजीनियर बनना चाहते थे। लेकिन बाद में उन्होंने एलएलबी में एडमिशन लिया। बताया जाता है कि मुकेश के भाई उन्हें फिल्म और टीवी लाइन में लेकर आए। उन्हें पहला ब्रेक थिएटर डायरेक्टर नरिंदर बेदी ने फिल्म खूनी से दिया, जो कभी रिलीज नहीं हो पाई। दरअसल, फिल्म पूरी होने से पहले ही बेदी का निधन हो गया था। 

मुकेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 80 के दशक में उन्होंने 10-15 फिल्में साइन की थीं, जो बॉक्सऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई थीं। इनमें रूही और दर्द-ए-दिल जैसे नाम शामिल हैं। फिलहाल वो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से दूर हैं। आखिरी बार वो टीवी शो वारिस (2016) में नजर आए थे। फरवरी 2018 में मुकेश ने चिल्ड्रेन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद से कार्यकाल पूरा होने से दो महोने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।