लोन मोरैटोरियम के कारण बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) में गिरावट दिख रही है। सितंबर तिमाही में नतीजे में एनपीए पर बैंकों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। यह बात भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ताजा रिपोर्ट एसबीआई ईकोरैप में कही गई। रिपोर्ट सोमवार को जारी हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोरैटोरियम ने जोखिम वाले लोन अकाउंट को डाउनग्रेड होने से फिलहाल बचा लिया। इसके कारण बैंकिंग उद्योग के फंसे कर्ज में बढ़ोतरी नहीं हुई।
बैंक | दिसंबर 2019 में ग्रॉस एनपीए | मार्च 2020 में ग्रॉस एनपीए | बदलाव (फीसदी) |
आईसीआईसीआई बैंक | 5.95 | 5.53 | -0.42 |
एचडीएफसी बैंक | 1.42 | 1.26 | -0.16 |
एक्सिस बैंक | 5 | 4.86 | -0.14 |
यस बैंक | 18.87 | 16.86 | -2.07 |
इंडसइंड बैंक | 2.18 | 2.45 | 0.27 |
एसबीआई | 6.94 | 6.15 | -0.79 |
पंजाब नेशनल बैंक | 16.30 | 14.21 | -2.09 |
बैंक ऑफ इंडिया | 16.30 | 14.78 | -1.52 |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 10.43 | 9.40 | -1.03 |
केनरा बैंक | 8.36 | 8.21 | -0.15 |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 14.86 | 14.15 | -0.71 |
इंडियन ओवरसीज बैंक | 17.12 | 14.78 | -2.34 |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 16.77 | 12.81 | -3.96 |
स्रोत : एसबीआई रिसर्च
कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के लिए देशभर में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कर्ज भुगतान पर मोरैटोरियम की अवधि को अगस्त के अंत तक बढ़ा दिया है। इसके बाद बैंकों ने भी अपने ग्राहकों को यह सुविधा दी। हालांकि अलग-अलग बैंकों में मोरैटोरियम के तहत आने वाले लोन का अनुपात अलग-अलग है।
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी बैंकों में मोरैटोरियम विकल्प का सबसे कम इस्तेमाल एसबीआई के ग्राहकों ने किया। एसबीआई के 23 फीसदी लोन मोरैटोरियम के तहत हैं। केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के मोरैटोरियम वाले लोन का अनुपात 30 फीसदी, बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए यह 65 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया के लिए यह 41 फीसदी है। निजी क्षेत्र के बैंकों में मोरैटोरियम का दायरा 25 से 75 फीसदी के बीच है। स्मॉल फाइनेंशियल बैंक और माइक्रो लेंडिंग से जुड़े बैंकों में माइक्रो लोन बुक का 90 फीसदी से ज्यादा मोरैटोरियम के अंतर्गत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2019 के आंकड़े के मुताबिक भारतीय बैंकों में 23.2 करोड़ लोन अकाउंट और 197.3 करोड़ डिपॉजिट अकाउंट हैं। इसका मतलब यह है क हर एक लोन अकाउंट के मुकाबले 8.5 डिपॉजिट अकाउंट हैं। लोन अकाउंट्स का सबसे बड़ा हिस्सा डिमांड लोन का है। यह कुल लोन अकाउंट का 50 फीसदी (11.6 करोड़) है। वहीं डिपॉजिट अकाउंट का सबसे बड़ा हिस्सा सेविंग अकाउंट का है। सभी प्रकार के डिपॉजिट अकाउंट में सेविंग अकाउंट का हिस्सा 83 फीसदी या 164 करोड़ है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में जमाकर्ताओं की संख्या कर्जधारकों के मुकाबले काफी ज्यादा है। चूंकि भारत में कोई व्यापक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली मौजूद नहीं है। इसलिए देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा आय स्रोत के लिए बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज पर निर्भर हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.