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आत्मनिर्भर पैकेज का तीसरा चरण:एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च कर स्थानीय बाजारों को ग्लोबल लेवल पर कंपटीशन के लिए तैयार करने की सरकार की योजना

मुंबई3 वर्ष पहले
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एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपए की राहत के बाद एग्री इंफ्रा को मिला एक लाख करोड़ रुपए - Dainik Bhaskar
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपए की राहत के बाद एग्री इंफ्रा को मिला एक लाख करोड़ रुपए
  • वित्तमंत्री ने किया एग्रीकल्चर इंफ्रा सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान, एक लाख करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी
  • प्राइवेट और स्टार्टअप्स को किसानों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए शामिल किया जाएगा

20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के तीसरे दिन वित्तमंत्री ने एग्रीकल्चर से जुडे़ कई सेक्टर पर फोकस किया। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को एक लाख करोड़ रुपए देने का ऐलान किया गया। इस पैसे से स्थानीय बाजारों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाएगा। इसको हम समझने की कोशिश करते हैं

क्या मिला?

एक लाख करोड़ रुपए का इंफ्रा का फंड उन लोगों को मिलेगा, जो लोग मूलरूप से कृषि से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में जुड़े हैं। यानी कृषि आधारित इंफ्रा के लिए यह राशि दी जाएगी।

किसे मिलेगा?

यह एक लाख करोड़ रुपए की राशि संस्थाओं के जरिए मिलेगी। जैसे किसान उत्पादित संघ, स्टार्टअप, एग्रीगेटर, एग्री के आंतरप्रेन्योर आदि के माध्यम से यह पैसा दिया जाएगा। ताकि ये लोग किसानों के लिए इस तरह की सुविधाओं को तैयार कर सकें।    

क्यों मिलेगा?

कृषि इंफ्रा के जरिए स्थानीय बाजार और किसानों को वैश्विक बाजारों में मुकाबला करने के लिए यह राशि मिलेगी। जब देश में गोदाम, कोल्ड स्टोरेज बेहतर होंगे तो इससे किसानों की आय दोगुनी होगी और मांग पूरी करने के साथ-साथ एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा। हार्वेस्ट मैनेजमेंट इंफ्रा के बाद सस्ते और फाइनेंशियल रूप से एग्रीगेशन प्वाइंट को सक्षम बनाने के लिए फोकस किया गया है।

कब और कैसे मिलेगा?

इस पर दिशा निर्देश आने के बाद मिलेगा। हालांकि इस फंड का निर्माण तुरंत किया जाएगा। यह पैसा कोल्ड स्टोरेज चेन को बनाने के लिए, गोदामों की संख्या बढ़ाने के लिए, भंडारण की क्षमता बढ़ाने के लिए संस्थाओं को दिया जाएगा।दरअसल इस राहत पैकेज के पीछे उद्देश्य यह है कि देश में कृषि आधारित लॉजिस्टिक और स्टोरेज को बढ़ावा दिया जाए। इसे प्राइमरी एग्रीकल्चर सोसाइटी के जरिए इंफ्रा को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी। खासकर प्राइवेट और स्टार्टअप को किसान की इंफ्रा को मजबूत करने के लिए शामिल किया जाएगा।

वित्तमंत्री के 8 एलान में कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित थे, जबकि 3 एलान प्रशासनिक सुधारों से जुड़े रहे। कृषि इंफ्रा के क्षेत्र में अहम कदम उठाते हुए वित्त मंत्री ने वित्त मंत्री ने फार्म गेट के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का एलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा- भारत दाल, दूध, जूट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। छोटे और मझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है।
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