लिंक्डइन (Linkedin) के एक सर्वे के मुताबिक, सैलरी कट होने, रोजगार कम होने और कंपनियों की बैलेंस शीट कमजोर होने से अगले छह महीनों में आईटी, मीडिया और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हालत और खराब होगी।
आने वाले समय में हालात सुधरने वाले नहीं हैं
कोविड-19 के प्रसार की वजह से इकोनॉमी का बुरा हाल है। ऐसे में अगर आप यह मानकर चल रहे हैं कि आने वाले वक्त में हालात सुधरेंगे तो ऐसा नहीं है। लिंक्डइन के सर्वे के मुताबिक फिलहाल ऐसी सूरत नजर नहीं आ रही है। लिंक्डइन, माइक्रोसॉफ्ट की सबसे बड़ी प्रोफेशनल नेटवर्क है। इसके सर्वे के मुताबिक, "कई सेक्टर्स में नियुक्तियां बंद हो चुकी हैं। जॉब खोजने वालों को अपनी उम्मीदें कम करनी पड़ रही हैं। क्योंकि नए मौके कम हैं।"
शॉर्ट टर्म में हालात आगे चलकर और खराब होंगे
लिंक्डइन के सेकेंडरी Workforce Confidence Index के मुताबिक, हर 5 में से 2 मीडिया प्रोफेशनल्स का कहना है कि उनकी कंपनी की स्थिति अगले 6 महीनों में काफी खराब होने वाली है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में काम करने वाले हर 4 में से एक शख्स और आईटी सेक्टर में हर 5 में से एक शख्स का यही मानना है कि शॉर्ट टर्म में हालात आगे चलकर और खराब होंगे। लिंक्डइन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि यह तनाव विशेष रूप से बिजनस लीडर्स पर ज्यादा है क्योंकि 27 प्रतिशत इन्डिविजूअल contributors की तुलना में 39 प्रतिशत सीनियर एक्जिक्यूटिव ने कम आय की बात कही है।
हर तीन में से एक भारतीय की आमदनी कम हुई है
सर्वे के निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि हर तीन में से एक भारतीय की आमदनी तो कम हुई ही है, साथ ही नए रोजगार के मौकों में भी कमी आई है। अगले दो हफ्तों में 48 फीसदी एक्टिव जॉब खोजने वाले और 43 फीसदी फुल टाइम प्रोफेशनल्स को आशंका है कि नए मौके अगले दो हफ्तों में कम होंगे। लिंक्डइन के सेकेंड Workforce Confidence Index के मुताबिक भविष्य की संभावनाओं को लेकर प्रोफेशनल्स के कॉन्फिडेंस में भी कमी आई है।
इसके अनुसार, करीब 48 फीसदी जॉब सीकर्स का मानना है कि आने वाले दिनों में रोजगार के मौके कम होंगे। हालांकि यह पिछले 15 दिन के मुकाबले ज्यादा है। लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर लोग ऑनलाइन लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। लिहाजा इसका आंकड़ा 64 फीसदी से बढ़कर 67 फीसदी हो गया है।
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