कोविड-19 महामारी के झटकों से उबरने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित सकल बाजार उधार (gross market borrowing) बढ़ा दिया है। इसे 7.8 लाख करोड़ रुपए के बजट से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए कर दिया है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने दो अलग-अलग बयान में कहा, कि उधारी में संशोधन कोविड-19 महामारी के कारण आवश्यक हो गया है।
गिल्ट्स के जरिए सरकार उधार लेगी 6 लाख करोड़
वर्ष के लिए कुल उधारी अर्थात बोरोइंग में हुई वृद्धि के साथ-साथ वित्तीय वर्ष की पहली छमाही के शेष के लिए उधार कैलेंडर भी जारी किया गया है। संशोधित कैलेंडर के अनुसार सरकार साल की पहली छमाही के बचे हुए हिस्से से गिल्ट्स के जरिए बाजार से 6 लाख करोड़ रुपए उधार लेगी। प्रत्येक साप्ताहिक नीलामी के लिए नीलामी का आकार 11 मई के सप्ताह से बढ़कर 30,000 करोड़ रुपए हो जाएगा।
अप्रैल-सितंबर में सरकार लेगी आक्रामक रूप से उधार
भारत पिछले आठ हफ्तों से लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है। मूडीज ने इस साल देश के लिए 0 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है। मार्च में आर्थिक मामलों के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने कहा था कि सरकार कोविड-19 के प्रकोप को कम करने के लिए अप्रैल-सितंबर की अवधि में अनुमान से अधिक आक्रामक रूप से उधार लेने की योजना बना रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार उद्योगों के पुनरुत्थान और वसूली के लिए जो कुछ भी आवश्यक होगा, वह करेगी। हमारे फंड जुटाने वाले संसाधन न केवल बाजारों से बल्कि बहुपक्षीय एजेंसियों से भी सक्षम हैं।
राजकोषीय घाटे को संशोधित करना होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के अपने बजट में नए वित्त वर्ष में 7.8 लाख करोड़ रुपए की सकल उधारी का अनुमान लगाया था, जो 2019-20 के लिए अनुमानित 7.1 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। उधारी अनुमान में वृद्धि के साथ, सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए 3.5 प्रतिशत आंके गए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को और ज्यादा संशोधित करना होगा।
जीडीपी बुरी तरह प्रभावित, राहत पैकेज का इंतजार
बता दें कि सरकार को इस बार बजट गैप, राजकोषीय घाटा के साथ जीडीपी वृद्धि के मोर्चे पर काफी कुछ करना होगा। यह सभी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हैं। यही नहीं, तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस साल की जीडीपी की वृद्धि दर को जीरो तक घटा दिया है। सरकार अभी तक कोविड-19 के लिए केवल एक बार 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जाहिर की है। अगर उसे ज्यादा पैकेज जारी करना पड़ा तो सरकार को आगे और भी उधार लेने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि सरकार से दूसरे बड़े पैकेज की उम्मीद है, लेकिन यह अभी तक जाहिर नहीं हुआ है।
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