अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीति-निर्माताओं ने कहा कि 2020 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था 6.5 फीसदी तक गिर सकती है। वहीं इस साल के अंत तक अमेरिका में बेरोजगारी दर 9.3 फीसदी के आसपास रह सकती हैं। नीति निर्माताओं ने संकेत दिया कि फेडरल रिजर्व इस मंदी से निकलने के लिए काफी प्रयास कर रहा है जिसका असर वर्षों तक दिख सकता है।
लंबे समय तक दिखेगा कोरोना का असर
कोरोनाकाल के दौरान फेड रिजर्व के नीति निर्माताओं ने पहली बार आर्थिक अनुमान के आंकड़े पेश किए हैं। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए उठाए गए लॉकडाउन, पाबंदियों जैसे अन्य उपायों का असर लंबे समय तक दिखेगा। उन्होंने कहा कि कारोबारी गतिविधियां शुरू होने से इसमें तत्काल सुधार नहीं होगा।
फरवरी से अब तक 2 करोड़ लोग बेरोजगार हुए
पॉवेल ने कहा कि कोरोना के कारण फरवरी से लेकर अब तक 2 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इन लोगों को वापस नौकरी पाने में वर्षों का समय लगेगा। उन्होंने कहा कि इन लोगों को नौकरी दिलाने के लिए फेडरल रिजर्व मिशन मोड में काम करेगा और जॉब मार्केट को पटरी पर लाकर पिछले साल के स्तर तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
पूरी तरह सुधार होने तक जारी रहेंगे उपाय
फेड रिजर्व की दो दिवसीय पॉलिसी बैठक के बाद पॉवेल ने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है। यह एक लंबा रास्ता है और इसको पूरा करने में ज्यादा समय लग सकता है। उन्होंने कहा कि हम लेबर मार्केट और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सभी उपाय कर रहे हैं और पूरी तरह सुधार होने तक उपाय जारी रहेंगे।
ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया
फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। फेड रिजर्व की बैठक के बाद जानकारी देते हुए पॉवेल ने कहा कि सभी 17 नीति निर्माताओं ने अगले साल के लिए ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि 17 में से 15 सदस्यों ने 2022 में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने की वकालत की है। पॉवेल ने कहा कि हम इस समय ब्याज दरों को बढ़ाने पर विचार भी नहीं कर रहे हैं। इस समय अमेरिका में ब्याज दर जीरो फीसदी है।
चालू वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में 1.88 ट्रिलियन डॉलर का बजट डेफिसिट
अमेरिका के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में बजट डेफिसिट 1.88 ट्रिलियन डॉलर रहा है। अमेरिका के इतिहास में बजट डेफिसिट के मोर्चे पर यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए खर्च बढ़ने और करोड़ों लोगों के बेरोजगार होने के कारण टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण बजट डेफिसिट में बढ़ोतरी हुई है।
कोरोना के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आएगी तेजी
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था तेजी के साथ वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि लोगों के वापस नौकरी पर जाने और शेयर बाजारों में आई तेजी से संकेत मिलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। बुधवार को व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि कहा कि अमेरिका कई मामलों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
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