एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा फाइनेंस जैसी टॉप की रेटिंग वाली कंपनियों की फिक्स्ड डिपॉजिट आजकल लोकप्रिय बन रही हैं। निवेशक धीरे-धीरे डेट म्यूचुअल फंड से दूर जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि फ्रैंकलिन टेंम्पल्टन की घटना के बाद निवेश की रणनीति में बदलाव आ रहा है।
अन्य डेट प्रोडक्ट की तुलना में यह सुरक्षित प्रोडक्ट है
हाल के दिनों में डेट म्यूचुअल फंड जोखिम वाली सिक्योरिटीज में निवेश पर निवेशकों को भारी भरकम नुकसान हुआ है। मई महीने में ब्याज दरों में 0.20 से 0.40 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। इससे निवेशक इस तरह की डिपॉजिट में अच्छा रिटर्न पाने के लिए निवेश कर रहे हैं। साथ ही विभिन्न डेट प्रोडक्ट की तुलना में यह सुरक्षित लग रहे हैं। इक्विटी बाजार भी इस समय उतार-चढ़ाव से भरा है। सबसे ऊंची एएए रेटिंग वाली महिंद्रा फाइनेंस और बजाज फाइनेंस इस समय पांच वर्ष की एफडी पर 7.8 और 7.9 प्रतिशत ब्याज दे रहे हैं।
कंपनी | 1 साल की एफडी (प्रतिशत में) | 2 साल की एफडी (प्रतिशत में) | 3 साल की एफडी (प्रतिशत में) |
महिंद्रा फाइनेंस | 7.20 | 7.50 | 7.60 |
एचडीएफसी | 7.10 | 7.10 | 7.10 |
बजाज फाइनेंस | 7.40 | 7.45 | 7.50 |
पीएनबी हाउसिंग | 7.20 | 7.30 | 7.60 |
छोटी ब्याज दरों में हुई है कटौती
इसी तरह एचडीएफसी द्वारा 7.1 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है। हालांकि यह पहले की तुलना में 20 बीपीएस कम है। डिस्ट्रीब्यूटरों के मुताबिक यह कंपनियां इसलिए ब्याज दरों में कटौती की हैं, क्योंकि हाल में सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों मे एक प्रतिशत की कटौती की है। विश्लेषकों के मुताबिक इस समय फ्रैंकलिन टेंम्पल्टन के डेट फंड की 6 स्कीम्स बंद होने और इक्विटी में निवेश पर उतार-चढ़ाव तथा कुछ असेट क्लास में खराब रिटर्न से निवेशक उनसे दूर हो रहे हैं।
बैंकों की तुलना में 1.6 प्रतिशत ज्यादा मिल रहा है ब्याज
निवेशक अब एफडी की ओर जा रहे हैं जहां सुरक्षा और ज्यादा ब्याज मिल रहा है। निवेशक कंपनी की डिपॉजिट को पसंद कर रहे हैं। इन डिपॉजिट में बैंकों की डिपॉजिट की तुलना में 1.6 से 1.9 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिल रहा है। सबसे ज्यादा ऊंची रेटिंग वाली एसबीआई की डिपॉजिट में अधिकतम 5.7 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। इसी तरह निजी बैंकों में एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक 6 प्रतिशत ब्याज डिपॉजिट पर दे रहे हैं।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) हाल के समय में रेगुलर बैंकों की तुलना में ज्यादा जोखिम वाली हो गई हैं। लेकिन निवेशक बड़ी एनबीएफसी पर अभी भी भरोसा जताए हैं। खासकर वे एनबीएफसी जो बड़े बिजनेस घरानों से हैं। बजाज कैपिटल के वाइस प्रेसीडेंट मोहित मित्तल ने कहा कि हाल की स्थितियों में निवेश को डाइवर्सिफाइ करना जरूरी है। किसी एक कंपनी में निवेश का 10 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए।
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