पूंजी बाजार नियामक सेबी और म्यूचुअल फंड कंपनी फ्रैंकलिन टेंपल्टन आमने-सामने आ गए हैं। सेबी ने गुरुवार की देर रात कहा कि फ्रैंकलिन टेंपल्टन निवेशकों के पैसे तुरंत वापस करे। सेबी का यह आदेश तब आया है, जब एक दिन पहले फ्रैंकलिन के सीईओ ने आरोप लगाया था कि सेबी के एक नियम की वजह से उसे 6 स्कीम्स को बंद करना पड़ा।
म्यूचुअल फंड स्कीम्स अभी भी ज्यादा जोखिम वाले डेट में कर रहे हैं निवेश
सेबी ने कहा कि फ्रैंकलिन टेंपल्टन 25,000 करोड़ रुपए से अधिक की परिसंपत्ति वाली अपनी छह डेट स्कीम्स बंद करने के बाद निवेशकों को जल्द से जल्द धन लौटाने पर ध्यान दे। सेबी ने कहा कि कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम्स अभी भी उच्च जोखिमों वाली और अपारदर्शी डेट सिक्योरिटीज में निवेश कर रही हैं। सेबी ने कहा कि नियामक ढांचे की समीक्षा करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उसमें संशोधन किए जाने के बावजूद ऐसा किया जा रहा है।
अक्टूबर 2019 में सेबी ने लाया था नया नियम
सेबी ने कहा कि उसने फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड को 6 डेट स्कीम्स को बंद करने के संदर्भ में निवेशकों का धन जल्द लौटाने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। बता दें कि इससे पहले फ्रैंकलिन के सीईओ जेनिफर जॉन्सन ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कहा कि सेबी के नियम ने उनके कुल फंड के एक तिहाई को 'अनाथ' कर दिया क्योंकि सेबी के सर्कुलर के बाद इन एनसीडी को ट्रेड नहीं किया जा सका। नियम के तहत सेबी ने अक्टूबर 2019 में सभी म्यूचुअल फंड्स के लिए अनिवार्य कर दिया था कि वो अनलिस्टेड नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) के कुल पूंजी का 10 फीसदी पर कैप लगाएं।
अप्रैल में फ्रैंकलिन ने बंद किया था 6 डेट स्कीम्स
बता दें कि अप्रैल में फ्रैंकलिन टेंपल्टन ने अपनी 6 डेट स्कीम्स को बंद कर दिया था। इस स्कीम्स में निवेशकों के पैसे फंसे हैं। हालांकि फ्रैंकलिन अभी भी निवेशकों को पैसे वापस करने के लिए कह रहा है।
एंफी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च महीने में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से कुल 2.3 लाख करोड़ रुपए निकाला गया है। फरवरी में करीब 1,985 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। छोटी अवधि में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए कॉरपोरेट्स जिन लिक्विड फंड में पैसे रखते हैं, उस पर सबसे अधिक असर पड़ा है। मार्च महीने में इन्होंने 1.1 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं, जबकि फरवरी में 43,825 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी।
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