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एक साल में ₹1 लाख का बना ₹10 लाख:ग्रोइंग्टन वेंचर्स इंडिया का शेयर ₹10.10 से ₹104.90 पर पहुंचा, निवेशकों को 1000% रिटर्न दिया

2 महीने पहले
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ग्रोइंग्टन वेंचर्स इंडिया लिमिटेड के शेयरों ने एक साल में अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। BSE लिस्टेड इस स्मॉल-कैप स्टॉक का प्राइस पिछले एक साल में ₹10.10 से ₹104.90 पर पहुंच गया है। यानी एक साल में कंपनी ने इन्वेस्टर्स को लगभग 1000% का रिटर्न दिया है।

एक साल में ₹1 लाख बना ₹10 लाख
अगर आपने एक साल पहले ग्रोइंग्टन वेंचर्स इंडिया लिमिटेड के 1 लाख रुपए के शेयर खरीदे होते, तो आज आपका इन्वेस्टमेंट बढ़कर करीब 10 लाख रुपए हो जाता। इस स्मॉल-कैप मल्टीबैगर स्टॉक ने बीते एक महीने में ही 37% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं बीते 6 महीने में कंपनी के शेयरों ने करीब 85% का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है।

24:100 के रेश्यो से बोनस शेयर भी दिए
इतना ही नहीं ग्रोइंग्टन वेंचर्स इंडिया ने कुछ दिनों पहले अपने निवेशकों को 24:100 के रेश्यो से बोनस शेयर भी दिए हैं। इसका मतलब है कि कंपनी ने हर 100 शेयर पर 24 बोनस शेयर अपने निवेशकों को दिए।

शुक्रवार को 104.90 रु के स्तर पर बंद हुआ
यह मल्टीबैगर स्टॉक सिर्फ BSE पर ट्रेड के लिए अवेलेबल है। पिछले ट्रेडिंग सेशन यानी एक दिन पहले शुक्रवार (31 मार्च) को BSE का यह स्टॉक 2.66% यानी 2.72 रुपए की तेजी के साथ 104.90 रुपए के स्तर पर बंद हुआ था। इस कंपनी का 52-वीक लो ₹9.44 और 52-वीक हाई ₹109.83 प्रति शेयर है।

कंपनी का मार्केट कैप 166.76 करोड़ रुपए का है
कंपनी का मार्केट कैप 166.76 करोड़ रुपए का है। ग्रोइंग्टन वेंचर्स इंडिया को पहले VMV हॉलीडेज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। कंपनी ट्रैवल और टूरिज्म से जुड़ी सभी सर्विसेस प्रोवाइड कराती है।

रिस्की है छोटी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश

  • छोटी कंपनियों के बारे में पता लगाना और जानकारियां इक्ट्ठा करना बहुत मुश्किल होता है और बिना किसी जानकारी के ऐसे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करना रिस्की होता है। ऐसे सटॉक्स की लिक्वीडिटी भी कम होती है। यानी, बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयर सीमित होते है। कम मार्केट कैपिटलाइजेशन और कम लिक्वीडिटी के कारण इसकी कीमत में हेरफेर आसान होता है।
  • इंवेस्टर्स कई बार फर्जीवाड़े का शिकार हो जाते हैं। ऑपरेटर कम दाम में एक साथ ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं, जिसके चलते शेयर के दाम बढ़ने लगते हैं। शेयर के दाम बढ़ते देख रिटेल निवेशक इसमें एंट्री करते हैं। दाम ज्यादा बढ़ने के बाद ऑपरेटर शेयर बेच देते हैं। इससे शेयर के दाम गिरने लगते हैं। लोअर सर्किट के कारण इसमें फंसे रिटेल निवेशक शेयरों को बेच नहीं पाते। इसे पंप एंड डंप स्कीम कहते हैं।

स्टॉक खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • कंपनी के बारे में रिसर्च- किसी भी कंपनी के स्टॉक्स खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च करें। कंपनी के फ्यूचर ग्रोथ, प्रोडक्ट, परफॉरमेंस और बैकग्राउंड को जानने के बाद ही स्टॉक्स खरीदें।
  • ज्यादा दिनों के लिए शेयर न रखें- ऐसे स्टॉक्स में ज्यादा दिनों के लिए इन्वेस्ट न करें। इनके शेयर का दाम तेजी से बढ़ता है, उतना ही तेजी से गिरता भी है। इसलिए शेयर खरीद कर भूल न जाएं, अच्छे रिटर्न मिलने पर शेयर बेच दें।
  • किसी पर विश्वास न करें- आज इंटरनेट पर ज्ञान की कमी नहीं है। किसी पर आंख बंद कर विश्वास न करें। जांचने और समझने के बाद ही इन्वेस्ट करें।