किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसका आधार कार्ड डी-एक्टिवेट किया जा सकेगा। यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UDAI) और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया इसके लिए एक मैकेनिज्म बनाने और उसे शुरू करने पर काम कर रहे हैं।
अभी मृत्यु के बाद आधार नंबर का क्या होता है?
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका आधार डिएक्टिवेट नहीं होता, क्योंकि अभी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा था कि मौजूदा समय में किसी मृत व्यक्ति के आधार नंबर को कैंसिल करने की कोई व्यवस्था नहीं है।
मृत्यु के बाद आधार नंबर बंद करने की प्रक्रिया पर विचार कब शुरू हुआ?
सरकार ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन के ड्रॉफ्ट पर UIDAI से सुझाव मांगे थे। इसमें इस बात का जिक्र था कि मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करते समय मृतक का आधार लिया जा सके। अभी ऐसा नहीं होता। सुझाव मांगने के साथ ही प्रक्रिया पर बातचीत शुरू हुई।
मृत्यु के बाद आधार नंबर बंद होने से क्या फायदा होगा?
जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार और UDAI के बीच मृत्यु के बाद आधार नंबर लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है तो उसका गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
आधार को लेकर सरकार की और क्या तैयारी है?
इसके अलावा सरकार पूरे देश में बर्थ सर्टिफिकेट के साथ ही आधार नंबर अलॉट करने की योजना पर भी काम कर रही है। अभी 20 राज्य इस सिस्टम को लागू कर चुके हैं। इसमें 5 साल तक के बच्चों का कोई बायोमेट्रिक्स नहीं लिया जाता है। उनके उनके माता-पिता जानकारियों के आधार पर जारी कर दिया जाता है। बच्चे के 5 और 15 साल के हो जाने पर (दस उगुलियों और चेहरे की तस्वीर) बायोमेट्रिक्स लिया जाता है।
अभी आधार को लेकर सबसे जरूरी काम क्या है?
अगर आपने अभी तक अपने पैन को आधार से लिंक नहीं कराया हो तो जल्द करा लें। 31 मार्च 2023 तक ऐसा नहीं करने पर आपका पैन इनएक्टिव हो जाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) 30 जून 2022 के बाद से पैन को आधार से लिंक कराने के लिए 1000 रुपए की लेट फीस वसूल रहा है।
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