• Hindi News
  • Business
  • Adani Enterprises, Adani Power And Adani Wilmar Get Exit From NSE's Short Term ASM Framework

अडाणी ग्रुप की 3 कंपनियां NSE की निगरानी से बाहर:अडाणी एंटरप्राइजेज, पावर और विल्मर को सर्विलांस से हटाया, 8 दिन बाद मिली राहत

2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने अडाणी ग्रुप की 3 कंपनियों को शुक्रवार (17 मार्च) को शॉर्ट-टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया है। 8 दिन पहले NSE ने अडाणी एंटरप्राइजेज, पावर और विल्मर को शॉर्ट-टर्म ASM फ्रेमवर्क में रखा था।

NSE ने सर्कुलर में अडाणी एंटरप्राइजेज, पावर और विल्मर को शॉर्ट-टर्म ASM फ्रेमवर्क से बाहर निकाले जाने की जानकारी दी है। इस सर्कुलर में NSE ने यह भी बताया कि अडाणी ग्रुप की इन 3 कंपनियों समेत 10 सिक्योरिटीज को भी 17 मार्च से ASM फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया है। जिसमें किरी इंडस्ट्रीज, टाटा टेलीसर्विसेज, यूनीइन्फो टेलीकॉम सर्विसेज, डीबी रियल्टी, पेन्नार इंडस्ट्रीज, फोकस लाइटिंग एंड फिक्स्चर्स और गीके वायर्स भी शामिल हैं।

एंटरप्राइजेज का शेयर आज 1.64% चढ़कर 1,874 रु पर बंद हुआ
अडाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर आज करीब 1.64% चढ़कर 1,874 रुपए पर बंद हुआ है। वहीं अडाणी विल्मर 1.63% बढ़कर 427 रुपए और अडाणी पावर 0.55% की तेजी के साथ 199 रुपए पर बंद हुआ है।

8 मार्च को एंटरप्राइजेज, पावर और विल्मर को ASM में रखा था
NSE ने 8 मार्च को अडाणी एंटरप्राइजेज, पावर और विल्मर को शॉर्ट-टर्म ASM फ्रेमवर्क में डाला था। लगातार जबरदस्त तेजी आने के चलते NSE ने तीनों शेयरों पर नजर रखने के लिए उन्हें ASM फ्रेमवर्क में रखा था। तब अडाणी एंटरप्राइजेज को दूसरी बार ASM फ्रेमवर्क में रखा गया था।

फरवरी में भी एंटरप्राइजेज को ASM में डाला गया था
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद NSE ने पिछले महीने 6 फरवरी को अडाणी ग्रुप के स्टॉक्स में हाई वोलैटिलिटी के चलते पहली बार अडाणी एंटरप्राइजेज को अंबुजा सीमेंट्स और अडाणी पोर्ट्स के साथ शॉर्ट टर्म ASM में डाल था।

करीब एक महीने बाद 8 मार्च को NSE ने अडाणी एंटरप्राइजेज शॉर्ट-टर्म ASM फ्रेमवर्क से बाहर निकाल दिया था। हालांकि, NSE ने अडाणी एंटरप्राइजेज से पहले ही अंबुजा सीमेंट्स और अडाणी पोर्ट्स को इस फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया था।

क्या होता है शॉर्ट टर्म ASM?
ASM एक तरह की निगरानी होती है। जिसमें मार्केट के रेगुलेटर सेबी और मार्केट एक्सचेंज ‌BSE-NSE एडिशनल सर्विलांस में डाले गए स्टॉक्स पर नजर रखते हैं। इसका मकसद निवेशकों के हितों की रक्षा करना होता है। जब किसी शेयर में मैनिपुलेशन या ज्यादा ट्रेडिंग होने से कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव दिखता है, तो उन शेयरों को ASM में डाल दिया जाता है।

हिंडनबर्ग ने ग्रुप पर लगाया था स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप
24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल था। हिंडनबर्ग ने अडाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था। हालांकि, अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को गलत बताया है।