हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भी अडाणी एंटरप्राइजेज का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) तीसरे और आखिरी दिन फुल सब्सक्राइब हो गया है। अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज का 20 हजार करोड़ रुपए का FPO आखिरी दिन 1.12 गुना सब्सक्राइब हुआ। वहीं तीसरे दिन 4,55,06,791 शेयरों के टोटल ऑफर साइज के मुकाबले 5,00,84,096 शेयरों के लिए बिड्स मिली हैं।
QIB पोर्शन 1.26 गुना बुक किया गया
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बिडर्स (QIBs) के लिए रिजर्व्ड कोटा को 1.26 गुना बुक किया गया। जबकि नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को 3.32 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। एम्प्लॉई कोटे के लिए 55% बिड्स मिली हैं। जबकि, रिटेल इन्वेस्टर के लिए रिजर्व्ड कोटे के लिए 12% बिड्स मिलीं।
पहले दिन सिर्फ 1% सब्सक्रिप्शन मिला था
एक्सचेंजों के आंकड़ों के मुताबिक, दूसरे दिन सोमवार को FPO को महज 3% और पहले दिन सिर्फ 1% सब्सक्रिप्शन मिला। इस ऑफर का प्राइस बैंड 3,112-3,276 रुपए प्रति शेयर रखा गया था। रिटेल बिड्स कम रहने की ही उम्मीद थी, क्योंकि शेयर की कीमत FPO प्राइस बैंड से कम ही चल रही है। हालांकि, FPO में रिटेल निवेशकों को 64 रुपए प्रति शेयर की छूट भी दी गई थी।
अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर प्राइस 2,948 रु.
मंगलवार को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 55.15 रुपए यानी 1.91% बढ़कर 2,948 रुपए पर बंद हुआ है। FPO के तहत मिले शेयरों को डीमैट अकाउंट में 7 फरवरी तक क्रेडिट किया जाएगा। 8 फरवरी से ये शेयर ट्रेड के लिए अवेलेबल होंगे। 27 जनवरी को यह FPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था।
डीमैट अकाउंट में 7 फरवरी तक क्रेडिट किए जाएंगे शेयर्स
FPO के तहत मिले शेयरों को डीमैट अकाउंट में 7 फरवरी तक क्रेडिट किया जाएगा। 8 फरवरी से ये शेयर ट्रेड के लिए उपलब्ध होंगे। FPO में मिनिमम बिड लॉट साइज 4 शेयर और उसके बाद 4 शेयरों के मल्टिपल में रखा गया था। कंपनी ने 100% बुक-बिल्ट ऑफर के तहत पार्ट्ली पेड बेसिस पर नए शेयर जारी किए थे।
FPO क्या है?
FPO यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें स्टॉक एक्सचेंज में पहले से लिस्टेड कंपनी मौजूदा शेयरधारकों या नए निवेशकों को नए शेयर जारी करती है। यह IPO से अलग है जहां कंपनी फंड इकट्ठा करने के लिए पहली बार अपने शेयर जारी करती है। FPO के जरिए कंपनी अपने इक्विटी बेस का विस्तार करती है।
FPO में क्या होता है?
FPO में जारी शेयर की कीमत मार्केट प्राइस से कम होती है। कम कीमत पर शेयर जारी करने के पीछे प्राथमिक मकसद इसके इश्यू के लिए ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करना होता है। हालांकि, सब्सक्रिप्शन में शेयर की कम कीमत होने के कारण अकसर बाजार मूल्य भी नीचे आ जाता है और वो FPO प्राइस के करीब पहुंच जाता है।
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