अमेरिका के केंद्रीय बैंक (हमारे रिजर्व बैंक जैसा) फेडरल रिजर्व ने अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। उसकी तरफ से हर महीने 120 बिलियन डॉलर के बॉन्ड की खरीदारी भी जारी रखने का फैसला हुआ है। इसके साथ ही फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस साल 6.5 फीसदी GDP ग्रोथ हासिल होने का अनुमान लगाया है।
आइए देखते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति अमेरिका के मेन बैंकर के फैसले से दुनियाभर के बाजारों पर क्या असर हो सकता है।
दुनिया भर के शेयर बाजारों में रही मजबूती का रुझान
जहां तक शेयर बाजारों की बात है तो अमेरिकी मार्केट बुधवार रात को ही तेजी में झूम रहा था। गुरुवार की सुबह भारत सहित दूसरे एशियाई बाजार मजबूती के साथ खुले। यूरोपियन मार्केट में भी कारोबार शुरू होने पर मजबूती का रुझान रहा था। बीएसई सेंसेक्स 49,801.62 के पिछले बंद भाव से 0.72% ऊपर 50,161.25 पर खुला। एनएसई निफ्टी भी 14,721.30 के पिछले बंद भाव से 0.9% ऊपर 14,855.50 खुला।
...लेकिन क्रूड और कोविड-19 का खतरा बना रहेगा
जानकारों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार को एफआईआई के निवेश में बढ़ोतरी का फायदा मिलता रह सकता है। हालांकि क्रूड ऑयल के दाम में तेजी जारी रहने और कोविड-19 के नए मामलों के उछाल आने से शेयरों में तेजी के रुझान पर दबाव बन सकता है। लेकिन बाजार में तेज बिकवाली का दबाव बनने पर उसको फ्रंटलाइन शेयरों से सपोर्ट मिल सकता है। केडिया ने शेयरों के अलावा बेस मेटल में भी मजबूती आने की संभावना जताई है।
सोने को डॉलर में कमजोरी का लाभ मिलेगा
जहां तक भारत में निवेश के लिहाज से बड़ी अहमियत रखने वाले निवेश विकल्प सोने की बात है तो इसमें भी मजबूती आएगी। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक इसको डॉलर और बॉन्ड मार्केट में बढ़े दबाव का फायदा मिलेगा। उनके मुताबिक, सोने की कीमत को आने वाले समय में अक्षय तृतीया और गुड़ी पाड़वा जैसे त्योहार और शादी के सीजन से सपोर्ट मिल सकता है।
सोना 7% और चांदी 20% का रिटर्न दे सकता है
जहां तक शॉर्ट टर्म में सोने से मिलने वाले फायदे की बात करें तो यह आपको लगभग 7% का रिटर्न दे सकता है। केडिया के मुताबिक, बाजार के मौजूदा हालात सोने के 47000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जाने के संकेत दे रहे हैं। सोना जून अंत तक 42,500 से 47,000 रुपए प्रति दस ग्राम की रेंज में रह सकता है।
इंडस्ट्रियल यूज में बढ़ोतरी के अलावा कथित तौर पर सटोरिया गतिविधियों के चलते चांदी में मजबूती जारी रह सकती है। यह जून तक 20% का रिटर्न दे सकता है। चांदी का भाव पहली तिमाही के अंत तक 60,000 से 80,000 रुपए की रेंज में रह सकता है।
जून तक RBI के रेट बढ़ाने के आसार नहीं
अब लगे हाथ देख लेते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक पॉलिसी रेट के लेवल और बाजार में नकदी की स्थिति को लेकर क्या कर सकता है। रायटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए पॉलिसी रेट में बदलाव के फैसले को तीन महीने के लिए टाल सकता है।
DBS बैंक की इकोनॉमिस्ट राधिका राव कहती हैं, 'संक्रमण में मामलों में बढ़ोतरी दूसरी लहर चलने का संकेत दे रही है लेकिन पहले दौर के मुकाबले रोकथाम के लिए कम सख्ती बरते जाने से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को सीमित किया जा सकेगा।
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