सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) के बाद अब सिग्नेचर बैंक को भी अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। सिग्नेचर बैंक के पास क्रिप्टोकरेंसी का स्टॉक था। इसके जोखिम को देखते हुए बैंक को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है। शुक्रवार को इस बैंक के शेयर्स में भी गिरावट देखने को मिली थी।
सिग्नेचर बैंक न्यूयॉर्क में एक बड़ा वित्तीय संस्थान है। ये बड़ी-बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों को कर्ज देता है। इस बैंक ने रेगुलेटर्स के कहने के बाद रविवार को अपनी सर्विसेज बंद कर दी। रेगुलेटर का कहना है कि अगर ये बैंक खुला रहता है तो फाइनेंशियल सिस्टम के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
न्यूयॉर्क स्टेट के फाइनेंस सर्विस डिपार्टमेंट के अनुसार, फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) ने सिग्नेचर को अपने कंट्रोल में ले लिया, जिसके पास पिछले साल के अंत में 110.36 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी। यूएस ट्रेजरी डिपार्टमेंट और अन्य बैंक नियामकों ने एक जॉइंट स्टेटमेंट में कहा, 'सिग्नेचर बैंक और सिलिकॉन वैली बैंक के किसी भी नुकसान का बोझ टैक्सपेयर्स को नहीं उठाना पड़ेगा।'
बाइडेन ने कहा- पैसे सुरक्षित
दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि बैंकों के डूबने के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बाइडेन ने दोनों बैंकों के डिपॉजिटर्स से कहा है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सेक्रेटरी येलेन, नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल डायरेक्टर बैंकिंग रेगुलेटर के साथ बैठक सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक संकट का दूर करने का निर्देश दिया है।
SVB क्राइसिस से निपटने के लिए आज इमरजेंसी मीटिंग
SVL क्राइसिस का असर अन्य बैंकों पर न पड़े, इसके लिए फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कार्पोरेशन और फेडरल रिजर्व एक फंड तैयार करने का प्लान बना रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने सोमवार यानी 13 मार्च को इमरजेंसी मीटिंग भी बुलाई है। इसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स इस क्राइसिस से निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
भारत के SVC बैंक को भी हो रही परेशानी
अमेरिका के सिलिकन वैली बैंक (SVB) के बंद होने से मुंबई स्थित एक 116 साल पुराने बैंक के कुछ ग्राहकों के मन में भ्रम पैदा हो गया। बड़ी संख्या में ग्राहक अपनी जमा राशि की स्थिति जानने बैंक पहुंचे। ग्राहकों की आशंकाओं को दूर करने के लिए बैंक को बयान भी जारी करना पड़ा।
मुंबई में एक बैंक है शामराव विठ्ठल सहकारी बैंक यानी SVC। अमेरिका के SVB और मुंबई के SVC बैंक का नाम मिलता-जुलता है। इसी कारण ग्राहकों को गलतफहमी हो गई। इसके बाद बैंक ने बयान जारी कर कहा कि उनका 'सिलिकॉन वैली बैंक' से कोई संबंध नहीं है। हम अपने सदस्यों, ग्राहकों और अन्य लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने को सिलसिलेवार तरीके से समझिए
सिलिकॉन वैली बैंक के पास 2021 में 189 अरब डॉलर डिपॉजिट्स थे। सिलिकॉन वैली बैंक ने पिछले 2 सालों में अपने ग्राहकों के पैसों से कई अरब डॉलर के बॉन्ड खरीदे थे, लेकिन इस इन्वेंस्टमेंट पर उसे कम इन्टरेस्ट रेट के चलते उचित रिटर्न नहीं मिला। इसी बीच फेडरल रिजर्व बैंक ने टेक कंपनियों के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी।
SVB के ज्यादातर ग्राहक स्टार्ट-अप्स और टेक कंपनियां थीं जिन्हें कारोबार के लिए पैसों की जरूरत थी। ऐसे में वो बैंक से पैसे निकालने लगीं। ब्याज दर बढ़ने की वजह से टेक कंपनियों में निवेशक कम हो गए। फंडिंग नहीं मिलने से कंपनियां बैंक से अपना बचा हुआ पैसा भी निकालने लगीं। लगातार विड्रॉअल की वजह से बैंक को अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी।
8 मार्च को SVB ने बताया कि उसने बैंक की कई सिक्योरिटीज को घाटे में बेचा है। साथ ही अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने के लिए उसने 2.25 अरब डॉलर के नए शेयर बेचने की घोषणा की। इससे कई बड़ी कैपिटल फर्मों में डर का माहौल बन गया और फर्मों ने कंपनियों को बैंक से अपना पैसा वापस लेने की सलाह दी।
इसके बाद गुरुवार को SBV के स्टॉक में गिरावट आई, जिससे दूसरे बैंकों के शेयर्स को भी भारी नुकसान हुआ। शुक्रवार की सुबह तक इन्वेस्टर न मिलने पर SVB के शेयरों को रोक दिया गया। इसके अलावा कई अन्य बैंक शेयरों को भी शुक्रवार को अस्थायी रूप से रोक दिया गया, जिनमें फर्स्ट रिपब्लिक, पीएसीवेस्ट बैनकॉर्प और सिग्नेचर बैंक शामिल हैं।
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