ऑटोमोबाइल डीलर्स के संगठन फाडा ने सरकार से दोपहिया वाहनों पर GST दरों को घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है। फाडा के मुताबिक, दोपहिया वाहन कोई लग्जरी उत्पाद नहीं है। इनका इस्तेमाल आम लोगों द्वारा दैनिक कार्यों के लिए किया जाता है। इसलिए लग्जरी पर लगाए जाने वाले 28% GST के साथ 2% उपकर, दोपहिया कैटेगरी के लिए उचित नहीं है।
फाडा के मुताबिक, कच्चे माल, मेटल, कंपोनेंट के दाम बढ़ने की वजह से वाहनों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। GST घटने से दाम कम होंगे और डिमांड बढ़ेगी। जिसका असर कई सेक्टर पर होगा और इससे टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा। इसके अलावा फाडा ने आयकर का भुगतान करने वाले व्यक्तियों के लिए वाहनों पर डेप्रिसिएशन के दावे के लाभ लाभ शुरू करने, 31 मार्च 2020 को समाप्त हो चुकी, वाहनों पर डेप्रिसिएशन स्कीम को 2022-23 के लिए भी बढ़ाए जाने की मांग की है।
प्रोपराइटरी, पार्टनरशिप फर्मों के लिए टैक्स घटाएं
सरकार ने 400 करोड़ तक टर्नओवर वाली प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स घटाकर 25% तक कर दिया है। फाडा की मांग है कि यही लाभ एलएलपी, प्रोपराइटरी और पार्टनरशिप फर्मों को भी दिया जाए।
पुरानी कारों पर जीएसटी की दर घटाकर 5% करें
वर्तमान में पुरानी कार पर जीएसटी की दर 12% और 18% है। लेकिन अधिकृत डीलर सिर्फ 10-15% हैं। डीलर द्वारा कंज्यूमर से पुरानी कार खरीदने पर आईटीसी का क्लेम नहीं मिलता है। जीएसटी की एक समान 5% दर से सरकार, डीलर्स, वाहन मालिक तीनों का फायदा होगा।
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